Thursday 25 October 2018

सुख कहाँ मिलता है?

✏ ऐ   "सुख"  तू  कहाँ   मिलता   है
क्या.  तेरा   कोई.  स्थायी.   पता.  है

✏क्यों   बन   बैठा   है.   अन्जाना
आखिर.  क्या   है   तेरा   ठिकाना।

✏कहाँ   कहाँ.    ढूंढा.  तुझको
पर.  तू  न.  कहीं  मिला  मुझको

✏ढूंढा.  ऊँचे   मकानों.  में
बड़ी  बड़ी   दुकानों.  में

स्वादिस्ट   पकवानों.  में
चोटी.  के.  धनवानों.  में

✏वो   भी   तुझको.    ढूंढ.  रहे   थे
बल्कि   मुझको.  ही   पूछ.  रहे.  थे

✏क्या   आपको   कुछ   पता    है
ये  सुख  आखिर  कहाँ  रहता   है?

✏मेरे.  पास.  तो.  "दुःख"  का   पता   था
जो   सुबह   शाम.  अक्सर.  मिलता  था

✏परेशान   होके   रपट    लिखवाई
पर   ये   कोशिश   भी   काम  न  आई

✏उम्र   अब   ढलान.   पे.   है
हौसले    थकान.   पे.    है

✏हाँ   उसकी.  तस्वीर   है   मेरे.  पास
अब.  भी.  बची   हुई.  है    आस

✏मैं.  भी.  हार    नही    मानूंगा
सुख.  के.  रहस्य   को.   जानूंगा

✏बचपन.   में    मिला    करता    था
मेरे    साथ   रहा    करता.   था

✏पर.  जबसे.   मैं    बड़ा   हो.   गया
मेरा.  सुख   मुझसे   जुदा.  हो  गया।

✏मैं   फिर   भी.  नही   हुआ    हताश
जारी   रखी    उसकी    तलाश

✏एक.  दिन.  जब   आवाज.  ये    आई
क्या.   मुझको.   ढूंढ.  रहा  है   भाई

✏मैं.  तेरे.  अन्दर   छुपा.   हुआ.    हूँ
तेरे.  ही.  घर.  में.  बसा.   हुआ.   हूँ

✏मेरा.  नही.  है   कुछ.   भी    "मोल"
सिक्कों.   में.  मुझको.   न.   तोल

✏मैं.  बच्चों.  की.   मुस्कानों.   में    हूँ
हारमोनियम   की.   तानों   में.   हूँ

✏पत्नी.  के.  साथ    चाय.   पीने.  में
"परिवार"    के.  संग.  जीने.   में

✏माँ.  बाप   के.  आशीर्वाद    में
रसोई   घर   के  पफवानो।  में

✏बच्चों।  की   सफलता।  में।   हूँ
माँ।   की।  निश्छल।  ममता  में  हूँ

✏हर।  पल।  तेरे।  संग    रहता।  हूँ
और   अक्सर।  तुझसे   कहता।  हूँ

✏मैं   तो   हूँ   बस।  एक    "अहसास"
बंद।  कर   दे   तु।  मेरी    तलाश

✏जो   मिला   उसी।  में।  कर   "संतोष"
आज  को।  जी।  ले।  कल  की न सोच

✏कल  के   लिए।  आज।  को  न   खोना

मेरे   लिए   कभी   दुखी।   न।  होना
मेरे।  लिए   कभी।  दुखी   न    होना

Monday 8 October 2018

करवाचौथ:मूलनिवासियो को गुलाम बनाये रखने की साजिश

करवाचौथ:मूलनिवासियो को गुलाम बनाये रखने की साजिश


आखिर उस मुक्तिदाता का अपमान क्यो?


जी हाँ मैं उसी महामानव की बात कर रहा हूँ जिसने तुम्हें और इस पूरी नारी जाति को उस ब्राम्हणवाद के चंगुल से मुक्त कराया। और तुम्हें उठने ,बैठने, बोलने का, भाषण करने का सिर्फ इतना ही नही जो तुम लोग आज पुरुषो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हो ये सारे अधिकार बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी  ने दिलाये है। आज तुम उस महिला का अपमान कर रही हो? जिसने इस भारत मे सबसे पहले तुम्हारी आजादी का आंदोलन छेड़ दिया था। आज तो तुम्हें मालूम भी नही होगा वो महिला कौन थी? तो सुनो वो महिला भारत की प्रथम महिला अध्यपिका, भारत की प्रथम महिला नेता सावित्री बाई फुले है। और भी महापुरुष है जिनके बताये रास्ते को छोड़कर तुम गलत रास्ते पर जा रही हो अरे बाबा साहेब ने तो अपने चार चार बच्चों को बलिदान कर दिया तुम्हारी आजादी की खातिर अपनी पत्नी का बलिदान कर दिया। तुम्हें इस मनुवादी व्यवस्था से बाहर निकलने के लिए लेकिन आज तुम पढ़ लिख कर भी इस चंगुल से आजाद नही हो रही हो ये तुमारी गलती है ।और मैं ये कहना चाहता हूं कि इस मनुवादी व्यवस्था को त्याग कर बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलो। समता ,स्वतंत्रता, न्याय ,बंधुता के रास्ते चलकर अपना दीपक स्वयं बनो । बाबा साहेब ने हमे तीन मूलमंत्र दिए हैं शिछित हो ,संगठित हो ,और संघर्ष करो अपने महापुरुषो को पहचानो कौन है तुम्हारे भगवान जब तुमको सती प्रथा के नाम पर जिंदा जलाया जाता था तो कहा थी। तुम्हारी करवा माता कहा थी तुम्हारी दुर्गा और काली माता कहा थी?

जिस व्यक्ति की पत्नी मर जाए वह कितनी भी शादी कर ले लेकिन पति के मरने पर तुम नहीं कर सकती थी पत्नी की मृत्यु पर कोई पुरुष सिर मुंडवाकर सफेद वस्त्र नैतिकता का उसका अपना मापदंड है विधवा तड़पती रही है हजारों महिलाएं को चलती रही है किसी ने इस नर्क से छुटकारा भी पाना चाहा तो केवल एक ही मार्ग था स्वयं की हत्या का। आत्महत्या ही मुक्ति का इकलौता मार्ग था कहा गई थी।
 तुमारी माता दुर्गा ,काली, करवा, कहा मर गई थी??

इस व्रत की कहानी अंधविश्वासपूर्ण भय उत्पन्न करती है कि करवाचौथ का व्रत न रखने अथवा अज्ञानवश व्रत के खंडित होने से पति के प्राण खतरे में पड़ सकते हैं, यह महिलाओं को अंधविश्वास और आत्मपीड़न की बेड़ियों में जकड़ने को प्रेरित करता है। ऐसा क्यों है कि, सारे व्रत-उपवास पत्नी, बहन और माँ के लिए ही क्यों हैं? पति, भाई और पिता के लिए क्यों नहीं.?
मै ये कहना चाहता हूं कि ये कैसा ब्रत है जो महिलाओं को गुलामी का संकेत दे रहा है उनको एहसास दिला रहा है कि वो आधुनिक युग में भी गुलाम बनी हुई है ये कुछ पंक्तिया है

ये है कैसा करवाचौथ...???
ये है कैसा करवाचौथ...???

पति के हाथों पिटती जाए...
कोख़ में अजन्मी मारी जाए...
फिर भी बेकार की उम्मीदों में...
नारी तू क्यूँ है मदहोश...???

बेमतलब है ये करवाचौथ...
ये है कैसा करवाचौथ..????

नारी अब ना कर तू करवाचौथ...
ये है कैसा करवाचौथ...???

नारी तुझे अपनीं बातें कहना है...
अब ना यूँ चुप रहना है...
छोड़ ढोना कुरीति-पाखण्ड...
अब ना कर तू कोई संकोच...।।

छोड़ दे दोहरे मापदंड का करवाचौथ...
ये है कैसा करवाचौथ...???

पंचशील पथ का जीवनसाथी हो...
नारी हो साथी के माथे का तिलक...
जो पंचशील की राह नहीं...तो...
किस बात का करवाचौथ...???

बंद करो यह करवा चौथ....
बोलो  !  कैसा करवाचौथ...???
नहीं चाहिए खोखला करवाचौथ...।।

मेंहदी-चूड़ी-बिछुआ-कंगन के...
साज-श्रृंगार में...सजी हुई
ना गवां तू अपना जीवन...
साथी संग कर तू बुद्ध को नमन...।।

ऐसा सजीला हो करवाचौथ...
हाँ; ऐसा ही हो करवाचौथ...।।

माफ़ करना मेरे जीवनसाथी...
हैं हम-तुम दोनों "दीया-बाती".
पर न करना तुम मेरे लिये...
अब तो कोई व्रत-प्रदोष...।।

छोड़ दो अब करवाचौथ...
मत करना तुम  करवाचौथ...।।

अब समझो मेरे जीवनसाथी...
पथरीले रास्ते पर तेरे संग...
जीवन भर तेरे साथ चलूंगा..
धूप में ठंढी हवा बनूँगा  ...।।

पर;अब...मत करना...मत करना...
आडम्बरयुक्त ये करवाचौथ...।।

तेरे राहों के काँटों को...
अपनीं पलकों से चुन लूंगा...
पंचशील पथ पर तेरे संग चलूंगा...
मानवता की ख़ातिर मैं खुद को अर्पण कर दूँगा...।

व्रत करने से किसी पुरूष की आयु घटती बढ़ती नही है अगर ऐसा होता तो इन धर्म के ठेकेदारों को अब तक पुरस्कार मिल चुका होता।हिन्दू धर्म छोड़कर किसी भी धर्म मे ये पाखंड नही है

दुनिया मे करीब(200-250)देश है जिनमे से 56 देश बौद्धमय है और यही कारण है कि हमारे देश की महिलाएं पढ़ लिख कर करवा चौथ, नवरात्र व्रत, और पता नही क्या क्या करती रहती है और खास कर नवरात्र और करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करती है और वही दूसरी तरफ अन्य देशों की महिलाएं पढ़ लिख चाँद पर पहुच जाती हैं

मै इस लेख के माध्य्म से बस इतना कहना चाहता हूं कि आज इस देश को नारी सक्ति की जरूरत है और वो इन सब पाखंडवाद को छोड़कर गौतम बुद्ध के रास्ते चलकर ज्ञान की प्राप्ति कर बौद्धमय भारत का निर्माण करने में सहयोग करे


मूलनिवासी इतिहास

sir Manohar barkade ji ki wall se मूलनिवासी इतिहास *ये है भारत का असली इतिहासl बाकि सब झूठ हैl* इस पोस्ट के अन्दर दबे हुए इतिहास के प...