Monday 25 December 2017

हरिजन कौन है?

हरिजन कौन है?

😳 हरिजन 😳

रोज़ सवेरे मंदिर जाता
रखता है मंगल उपवास
शनिदेव की करे अर्चना
बेटा इसका रामनिवास
जय जगदीश हरे आँगन में
घर में इसके कीर्तन है
     भीमराव का बहुजन नहीं यह।
      गांधी का हरिजन है।।
धर्म दूसरों का ढोता है
नंगें पाँव भगा -फिरता
चुल्लू भर पानी की खातिर
यहाँ वहां गिरता -पड़ता
कावंडिया बन कर करे गुलामी
अकल से भी यह निर्धन है
    भीमराव का बहुजन नहीं यह।
     गांधी का हरिजन है ।।
मीटर लंबा तिलक भाल पर
सुतली डोर गले डाले
हाथ कलावा बांधे फिरता
मटरू का पोता काले
इसके आगे शर्माता अब
पंडित रामचरण है
   भीमराव का बहुजन नहीं यह।
    गांधी का हरिजन है ।।
इसको तो कुछ पता नहीं है
स्कूल,कॉलेज  क्या होता
देसी-थैली डाल हलक में
दिन भर गफलत में रहता
बालक इसके अनपढ़ रह गए
ज्ञान का खाली बर्तन है
    भीमराव का बहुजन नहीं यह
      गांधी का हरिजन है।।
अम्मा इसकी अमरनाथ में
मर गयी पत्थर के नीचे
बर्फ में दबकर बाप मरा है
मानसरोवर के बीचे
वैष्णो देवी भइया खोया
आया इस पर दुर्दिन है
     भीमराव का बहुजन नहीं यह
      गांधी का हरिजन है।।
पढ़ -लिखकर धोखा देता है
धूर्त बना मक्कार है
आरक्षण लेता बढ़ -बढ़कर
कोठी,बंगला,कार है
अपनी जाति छिपाकर रहता
बेटा इसका सर्जन है
      भीमराव का बहुजन नहीं यह।
       गांधी का हरिजन है।।
सच्ची बात बताता इसको
उसी को आँख दिखाता है
भगवा-रंग में सराबोर यह
गीत राम के गाता है
हिन्दू-मुस्लिम के झगडे में
सबसे आगे यही जन है
    भीमराव का बहुजन नहीं यह।
     गांधी का हरिजन है।।
दलित-साहित्य तनिक न भाता
मौलिक चिंतन से ना प्यार
वर्ण-व्यवस्था ये ना जाने
लिख-लिख करके गया मैं हार
पोंगा-पंडित को पढता है
जिसका झूठा दर्शन है
    भीमराव का बहुजन नहीं यह।
     गांधी का हरिजन है।।

Sunday 24 December 2017

लम्हों ने खता की सदियों ने सजा पाई!

लम्हों ने खता की सदियों ने सजा पाई!

    आज चारा घोटाले का मुख्य आरोपी जगनाथ मिश्र बरी हो गया और इस घोटाले में FIR दर्ज करवाने वाले घोटाले का दोषी करार दिया जाता है तो सवाल उठना लाजिमी है।ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि आजादी के बाद अघोषित मनुस्मृति से चलने वाले इस देश मे मूलनिवासी लोगों को चुन-चुनकर बदनाम किया व इनकी गुलामी न स्वीकार करने वाले लोगों को सलाखों के पीछे भेजा गया हो!आदर्श न्याय व्यवस्था में कहा गया है कि न्याय सिर्फ होना ही नहीं चाहिए बल्कि राज्य की जनता को न्याय होता प्रतीत होना भी चाहिए ताकि कोई भी नागरिक कानून से खुद को बड़ा समझने की भूल न करे।जीप घोटाले से लेकर जीजा घोटाले तक किसी मनुवादी को कोई सजा नहीं हुई!जिन पिछड़ों-दलितों-अल्पसंख्यकों ने इनकी गुलामी को स्वीकार किया उनको सबूतों के अभाव में बरी करने के बजाय सबूत जुटाने के लिए देरी का हवाला देकर गुलाम बनाये रखने की प्रक्रिया अपनाई गई!आज मुख्य आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो गया तो देश के प्रबुद्ध नागरिकों व भावी पीढ़ी को यह सोचना चाहिए कि घोटाला हो जाये और हमारी कानून की रखवाली एजेंसीयाँ सबूत नहीं जुटा पाये तो खोट कहाँ है?इन जांच एजेंसीयों के कर्ता-धर्ता कौन है?
                  जो मनुवादी व्यवस्था के लिए चुनौती के रूप में उभरा उसको मनुवादी मीडिया ने जनभावना को भड़काकर दोषी ठहरा दिया जिससे उनकी ताकत को कुंद कर दिया गया।जो नहीं माने उनको मनुस्मृति से चलने वाली न्यायपालिका ने दोषी ठहराकर जेल भेज दिया!अगर आपको लगता है कि इस देश की न्याय व्यवस्था मनुस्मृति से नहीं चलती तो तमाम निचली उच्च न्यायालय,उच्चतम न्यायालय के जजों की जाति को देख लीजिए।राजस्थान हाइकोर्ट में घुसते ही जो मूर्ति नजर आती है वह देश व देश के संविधान को चुनौती देने वाले मनु की है।भारतीय संविधान के हिसाब से यह देश कार्यपालिका से चलता है व जनमत तय करता है कि इस देश को कौन चलाएगा!न्यायपालिका व विधायिका कार्यपालिका की भावना को ध्यान में रखते हुए लिए गए निर्णयों पर मोहर लगाती है।
                   आज कार्यपालिका मनुवादियों के हाथों में है व न्यायपालिका पूर्ण रूप से मनुवादियों की छाप लिए खड़ी है।जो निर्णय कार्यपालिका ने ले लिया उस पर बड़े जोश से छाप लगाकर अनुमोदित कर देती है।मनुवादी मीडिया जनता में स्वीकार्यता पैदा करवाने के लिए हर तरीके का हथकंडा अपना रहा है।लोकतंत्र में जनमत तैयार करने के लिए सबसे बड़ी भूमिका मीडिया की है।आज देश का मीडिया लालू यादव को किस कोठरी में रखा जाएगा उसके बारे में भविष्यवाणी कर रहा है लेकिन यह आपको कभी नहीं बताएगा कि मुख्य आरोपी को बरी कैसे किया गया?मनुवादी मीडिया इस मुद्दे पर बहस कभी नहीं करेगा कि किन अफसरों ने सबूतों के साथ हेराफेरी की या सबूत जुटाने में कोताही बरती?यह मनुवादी मीडिया आपको यह नहीं बताएगा कि सबूत जुटाने में नाकाम अफसरों पर संविधान के मुताबिक क्या कार्यवाही की जानी चाहिए?
                     इस देश मे सत्ता कभी भी जनमत के हिसाब से नहीं चुनी गई और न कोई बड़ा अदालती फैसला संविधान के मुताबिक हुआ है!सरकार में बने रहने या बनाने के लिए समर्थन देने वाले लोगों ने कभी भी जनमत का आदर नहीं किया है!सरकारी जांच एजेंसीयां सिर्फ सत्ता की सहयोगी बनकर समर्थन जुटाने की राजनैतिक शाखाएं बनकर काम करती रही है!भ्रष्टाचार के आरोप व सजाएं सिर्फ सत्ता विरोधी लोगों का मनोबल तोड़ने के लिए उपयोग की जाती रही है!यही कारण रहा है कि देश तरक्की करता रहा और देश की जनता भुखमरी की शिकार होती गई।आज पूर्ण बहुमत की सरकार व सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री के कार्यकाल में देश भुखमरी के मामले में 100वें पायदान तक पहुंच गया है लेकिन आज इस देश मे चर्चा शिक्षा,चिकित्सा,भुखमरी,किसानों की आत्महत्या पर न होकर सिर्फ और सिर्फ झूठे राष्ट्रवाद में जाकर सिमट गई है।

         तथाकथित आजादी के 30साल बाद जनता ने बगावत का झंडा उठाया और मनुवादी व्यवस्था को चुनौती दी थी और उसके बाद पक्ष-विपक्ष के मनुवादी लोगों ने समझौता करके बहुसंख्यक जनता को न्याय, धर्म व जाति में इस तरह दुबारा धकेला कि आज पूरा देश बर्बादी की आग में झुलसकर कराह रहा है।न्याय पालिका बगावत को रोकने के लिए कभी न टूटने वाली दीवार बनकर उभरी!जब भी जनता में नाराजगी या विद्रोह की भावना भड़की तब न्यायपालिका ने सरकार के खिलाफ इस तरह के नोटिस जारी करके नाराजगी जाहिर करने का नाटक किया कि जनता को लगे कि न्यायपालिका संविधान की रक्षा कर रही है लेकिन जनता ने कभी नहीं सोचा कि कुत्ते-बिल्ली कब से दूध की रखवाली करने लग गए!आज हजारों मुस्लिम गद्दारी के आरोपों में जेलों में बहुमूल्य जीवन बर्बाद कर रहे है,शबीरपुर में दलित बस्तियां जलाने वाले लोग खुले आम धमकियां देते हुए घूम रहे है और दलितों के हकों की आवाज उठाने वाला चंद्रशेखर रासुका के तहत जेल में है!राजसमंद में एक हिन्दू आतंकी के समर्थन में हजारों लोग सड़कों पर उतरते है और देशद्रोही लोग न्यायपालिका पर लहरा रहे तिरेंगे झंडे को उतारकर भगवा झंडा लगा देते है और देश की कार्यपालिका,विधायिका,न्यायपालिका सर्दियों में ठंडक पाकर सुप्तावस्था में रजाई ओढ़कर सो जाती है!
                तमाम घोटालों के आरोपी अगर मनुवादी है तो सबूतों के अभाव में बरी हो जाते है,जिन पिछडो-दलितों-अल्पसंख्यकों ने इनकी गुलामी स्वीकार कर ली उनके मुकदमे लंबित कर दिए जाते है!मूलनिवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर व्यवस्था आंख मूंद लेती है!मीडिया मनुवादियों की सत्ता का सिर्फ चापलूस बनकर प्रचार-प्रसार में लग गया है!अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत यूँ ही नहीं बनी है।आज सूचना क्रांति के दौर में भी ये लोग झूठ-फरेब की राजनीति करने में सफल हो रहे है, पक्षपाती न्यायपालिका करती है!इनके कुकर्मों की कालिख पर रंगरोगन करता मीडिया मौजूद है ये लोग इसलिए सफल नहीं हो रहे है कि ये लोग ताकतवर है बल्कि 1977 के समय जो बगावत हुई थी उसके बाद इन मनुवादियों ने सबक सीखकर आगे बढ़ने की कला सीख ली और हम लोग इनके खिलाफ लड़ने वाले लोगों को या तो भूल गए या जयंती-पुण्यतिथि विशेषज्ञ बनकर फूल मालाएं चढाने में व्यस्त हो गए!व्यवस्था में परिवर्तन की क्रांति विचारों से पैदा होती है।हम अपने महापुरुषों के विचारों को त्यागकर सुविधाभोगी बन गए।व्यवस्था के मारे गरीबों-मजलूमों की आवाज बनकर आगे बढ़ने के बजाय मनुवादी मीडिया में जगह बनाने के जाल के फंसकर अपने ही पीछे छूटे बंधुओं के लिए दुश्मन बन बैठे।
                     अपने पुरखों के सदियों के संघर्ष को हम दिखावी लम्हों के लिए भूल बैठे।चौटाला जेल गए,मधु कोड़ा जेल गए,लालू यादव दोषी करार दिए गए और आने वाले समय मे हर वो नेता जेल जाएगा जो बहुसंख्यक जनता के हकों की आवाज बनकर आगे आएगा!राजस्थान के जो लोग कांग्रेस-बीजेपी से परे आवाज बनकर उभरने की कोशिश कर रहे है वो मुकदमे झेलने व जेल जाने के लिए तैयार रहे!अपनो को भूलकर,बर्बादी में छोड़कर कांग्रेस-बीजेपी का झंडा थामने वाले लोगों को हमारी तरफ से अंतिम जोहार!हम लम्हो ने खता की व सदियों ने सजा पाई वाली कहावत को उल्टा करके लम्हों की सजा को झेलकर सदियों के लिए खुशहाली की इबादत्त लिखने निकले लोग है।न कभी झुकेंगे व न कभी रुकेंगे।इस जंग में जो हमसे जुड़ना चाहे उनका स्वागत है।हम हर युवा को एक नेता के रूप में खड़ा करने में विश्वास करते है। हर गांव में बसंती चोला पहने घूमने वाली टोलियां हमारी भावी दिशा व दशा तय करेगी न कि कोई नेता विशेष!चाणक्य का जवाब देने के लिए लाखों चाणक्य मैदान में उतरेंगे और चंद्रगुप्त मौर्य अपने आप तैयार होते जाएंगे।हम दुबारा मौर्यवंश जिंदा करेंगे लेकिन एक चाणक्य प्रधानमंत्री नहीं होगा।हम फिर से मौर्य वंश का उद्भव तय करेंगे लेकिन भविष्य में कभी पुष्यमित्र शुंग पैदा नहीं होगा ऐसा इंतजाम करेंगे।

हिन्दू होने का गर्व।

एक बार एक नदी में हाथी की लाश बही जा रही थी।
एक कौए ने लाश देखी, तो प्रसन्न हो उठा, तुरंत उस पर आ बैठा।
यथेष्ट मांस खाया। नदी का जल पिया।
उस लाश पर इधर-उधर फुदकते हुए कौए ने परम तृप्ति की डकार ली।
वह सोचने लगा, अहा! यह तो अत्यंत सुंदर यान है, यहां भोजन और जल की भी कमी नहीं। फिर इसे छोड़कर अन्यत्र क्यों भटकता फिरूं?
कौआ नदी के साथ बहने वाली उस लाश के ऊपर कई दिनों तक रमता रहा।
भूख लगने पर वह लाश को नोचकर खा लेता, प्यास लगने पर नदी का पानी पी लेता।
अगाध जलराशि, उसका तेज प्रवाह, किनारे पर दूर-दूर तक फैले प्रकृति के मनोहरी दृश्य-इन्हें देख-देखकर वह विभोर होता रहा।
नदी एक दिन आखिर महासागर में मिली।
वह मुदित थी कि उसे अपना गंतव्य प्राप्त हुआ।
सागर से मिलना ही उसका चरम लक्ष्य था, किंतु उस दिन लक्ष्यहीन कौए की तो बड़ी दुर्गति हो गई।
चार दिन की मौज-मस्ती ने उसे ऐसी जगह ला पटका था, जहां उसके लिए न भोजन था, न पेयजल और न ही कोई आश्रय। सब ओर सीमाहीन अनंत खारी जल-राशि तरंगायित हो रही थी।
कौआ थका-हारा और भूखा-प्यासा कुछ दिन तक तो चारों दिशाओं में पंख फटकारता रहा, अपनी छिछली और टेढ़ी-मेढ़ी उड़ानों से झूठा रौब फैलाता रहा, किंतु महासागर का ओर-छोर उसे कहीं नजर नहीं आया। आखिरकार थककर, दुख से कातर होकर वह सागर की उन्हीं गगनचुंबी लहरों में गिर गया। एक विशाल मगरमच्छ उसे निगल गया।

महत्वपूर्ण :

शारीरिक सुख में लिप्त उन सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भी गति उसी कौए की तरह होने वाली है, जो  आरक्षण का लाभ लेकर बाबा साहेब को भूल गए है

तथा

अपने को हिन्दु की नानी समझ रहे हैं।

बिना पूजा पाठ किये पानी नही पियेंगे। सभी हिन्दु देवी देवताओं जिसे पुजने हेतु बाबा साहेब ने मना किया था उसकी पूजा   करेगे।

चारो धाम की यात्रा करेगे। किसी गरीब के बच्चे की पढ़ाई लिखाई  शादी व्याह में  कोई मदद नही करेंगे।

ऐसे लोगो की आने वाली पीढ़ी की दुर्गति होने वाली है फिर भी इन्हें समझ मे नही आ रहा है ।

जीत किसके लिए, हार किसके लिए

ज़िंदगीभर ये तकरार किसके लिए..

जो भी पाया है आरक्षण में वो चला जायेगा एक दिन

फिर ये इतना अहंकार किसके लिए।

*जय भीम जय संविधान*
           🌸🌸🌸
*जय भीम नमो बुद्धाय।*

Saturday 23 December 2017

विजय माल्या ब्राह्मण था और देश का 9 हजार करोड़ रूपए लेकर भाग गया, पुलिस, सीबीआई उसका कुछ नहीं कर पाई..इसी तरह दिल्ली का बलात्कारी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित भी ब्राह्मण है, सैकड़ों लड़कियों की जिंदगीबर्बाद कर चुका है...और भी तक फरार चल रहा है,सीबीआई और पुलिस उसका भी कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी...न्यायालय में बैठे जनेऊधारी... जज अपनी जात वाले बलात्कारी बाबा को बचाने में जान लगा देंगे,इस देश में पुलिस और सीबीआई केवल लालूजी जैसे पिछड़े और मधु कोड़ा जैसे आदिवासी नेताओं को फसाने में अपना पूरा हुनर दिखाते हैं,और न्यायपालिका में बैठे जनेऊधारी अपने पूरे कानूनी ज्ञान का इश्तेमाल पिछड़े ,दलित, आदिवासी औरमुसलमानों को सजा देने के लिए ही करते हैं.

Friday 22 December 2017

आरक्षण हटा दो ---- आरक्षण हटा दो

आरक्षण हटा दो ---- आरक्षण हटा दो
सभी वर्गों को सामान्य बना दो
कुछ दिनों के लिए
पुजारी को दरबान बना दो
अछूतों को भगवान बना दो
सदियों के आरक्षण को हटा दो
पुरुषों को घर के काम दे दो
औरतों को सुलतान बना दो
आरक्षण हटा दो
ट्रेनों से भी आरक्षण हटा कर
सारे डिब्बों को सामान्य बना दो
आरक्षण हटा दो
ज़मीदार को मज़दूरी करने दो
और मज़दूर को जमींदार बना दो
आरक्षण हटा दो
जिसको शूद्र कहते हैं
उनको मठ में बिठा कर
शंकराचार्य बना दो
आरक्षण हटा दो
कुछ कार्यों को आरक्षित रखा गया है
जैसे सफाई करना
खेती करना
भैंस पालना
सब्ज़ी उगाना
इस आरक्षण को भी हटाओ
और इन लोगों को आचार्य बनाओ
जो आचार्य हैं उनसे
और ये सारे काम करवाओ
और आरक्षण हटा दो
साहित्य में भी आरक्षण है
और खेल में
संगीत में भी
यहाँ भी सभी वर्गों को जगह दो
और आरक्षण हटा दो
राजनीति में परिवारों का आरक्षण
वंशों का दशकों से संरक्षण
बात फ़िल्मों की
चाहे मीडिया की
या बिज़नेस की
सबको समान मौका दो
और आरक्षण हटा दो
बंद कर दो प्राइवेट स्कूलो को
छोड़ कर भेदभाव वाले उसूलों को
हर इंसान को इंसान बना दो
भूमिकाओं की अदला बदली कर दो
और आरक्षण हटा दो
खुद को उच्च समझने वालों से भी कुछ दिन लेट्रिंग बाथरूम टॉयलेट साफ करा दो
और आरक्षण हटा दो
ST/SC/OBC को भी शंकराचार्य बनाकर मंदिर में बैठा दो और आरक्षण खत्म करा दो
एक नया संसार बना दो
और आरक्षण हटा दो ।
जय भीम जय भारत

EVM Hacking

बीजेपी और चुनाव आयोग की सांठ गांठ ज्यादा दिन छुपने वाली नही है। ईवीएम हैकिंग को लेकर संदेह के दायरे मे आई बीजेपी के लिये आने वाले दिन बहुत ही बुरे हो सकते है क्योकि ईवीएम के बारे मे दिन ब दिन बीजेपी और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता घटती ही जा रही है।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने यह कह कर सनसनी फैला दी है कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव सिर्फ और सिर्फ बीजेपी नें ईवीएम हेकिंग की वजह से जीता है।

कांग्रेस और समूचे विपक्ष को ईवीएम पर खुलकर विरोध और आदोलन तब तक करना चाहिए जब तक मोदी सरकार  ईवीएम बैन कर बैलेट पेपर्स से चुनाव की घोषणा न कर दे।

http://www.thedailygraph.co.in/31488-2/

Thursday 21 December 2017

विज्ञान चालीसा

उदय एक भारतीय
विज्ञान_चालीसा पढ़ें।

विज्ञान चालीसा, (दुनिया के महान वैज्ञानिक और उनके invention)

जय न्यूटन विज्ञान के आगर,
गति खोजत ते भरि गये सागर ।

ग्राहम् बेल फोन के दाता,
जनसंचार के भाग्य विधाता ।

बल्ब प्रकाश खोज करि लीन्हा,
मित्र एडीशन परम प्रवीना ।

बायल और चाल्स ने जाना,
ताप दाब सम्बन्ध पुराना ।

नाभिक खोजि परम गतिशीला,
रदरफोर्ड हैं अतिगुणशीला ।

खोज करत जब थके टामसन,
तबहिं भये इलेक्ट्रान के दर्शन ।

जबहिं देखि न्यट्रोन को पाए,
जेम्स चैडविक अति हरषाये ।

भेद रेडियम करत बखाना,
मैडम क्यूरी परम सुजाना ।

बने कार्बनिक दैव शक्ति से,
बर्जीलियस के शुद्ध कथन से ।

बनी यूरिया जब वोहलर से,
सभी कार्बनिक जन्म यहीं से ।

जान डाल्टन के गूँजे स्वर,
आशिंक दाब के योग बराबर ।

जय जय जय द्विचक्रवाहिनी,
मैकमिलन की भुजा दाहिनी ।

सिलने हेतु शक्ति के दाता,
एलियास हैं भाग्यविधाता ।

सत्य कहूँ यह सुन्दर वचना,
ल्यूवेन हुक की है यह रचना ।

 कोटि सहस्र गुना सब दीखे,
सूक्ष्म बाल भी दण्ड सरीखे ।

देखहिं देखि कार्क के अन्दर,
खोज कोशिका है अति सुन्दर ।

 काया की जिससे भयी रचना,
राबर्ट हुक का था यह सपना ।

टेलिस्कोप का नाम है प्यारा,
मुट्ठी में ब्रम्हाण्ड है सारा ।

 गैलिलियो ने ऐसा जाना,
अविष्कार परम पुराना ।

विद्युत है चुम्बक की दाता,
सुंदर कथन मनहिं हर्षाता ।

 पर चुम्बक से विद्युत आई,
ओर्स्टेड की कठिन कमाई ।

ओम नियम की कथा सुहाती,
धारा विभव है समानुपाती ।

 एहि सन् उद्गगम करै विरोधा,
लेन्ज नियम अति परम प्रबोधा ।

चुम्बक विद्युत देखि प्रसंगा,
फैराडे मन उदित तरंगा ।

 धारा उद्गगम फिरि मन मोहे,
मान निगेटिव फ्लक्स के होवे ।

जय जगदीश सबहिं को साजे,
वायरलेस अब हस्त बिराजै ।

अलेक्जेंडर फ्लेमिंग आए,
पैसिंलिन से घाव भराये ।

आनुवांशिकी का यह दान,
कर लो मेण्डल का सम्मान ।

 डा रागंजन सुनहु प्रसंगा,
एक्स किरण की उज्ज्वल गंगा ।

मैक्स प्लांक के सुन्दर वचना,
क्वाण्टम अंक उन्हीं की रचना ।

फ्रैंकलिन की अजब कहानी,
देखि पतंग प्रकृति हरषानी ।

डार्विन ने यह रीति बनाई,
सरल जीव से सॄष्टि रचाई ।

परि प्रकाश फोटान जो धाये,
आइंस्टीन देखि हरषाए ।

षष्ठ भुजा में बेंजीन आई,
लगी केकुले को सुखदाई ।

देखि रेडियो मारकोनी का,
मन उमंग से भरा सभी का ।

कृत्रिम जीन का तोहफा लैके,
हरगोविंद खुराना आए ।

ऊर्जा की परमाणु इकाई,
डॉ भाषा के मन भाई ।

थामस ग्राहम अति विख्याता,
गैसों के विसरण के ज्ञाता ।

जो यह पढ़े विज्ञान चालीसा,
देइ उसे विज्ञान आशीषा ।

बोलो विज्ञान की जय।

Monday 18 December 2017

Arakshan ka karan

उदय एक भारतीय
आरक्षण की जड़ हजारो जातियाँ है अर्थात जातिप्रथा है कानून बना कर जातिप्रथा खत्म करदो और उसके बाद चाहे आरक्षण खत्म कर दो किसी को कोई ऐतराज नहीँ होगा जातिप्रथा खत्म हो जाएगी तो आरक्षण खत्म जातिगत झगढ़े खत्म जातिगत राजनीति बंद जाति देखकर जाँच होनी बंद जाति देखकर फैसले सुनाने बंद जाति देखकर शादियाँ होनी बंद व जातियाँ देखकर CBI जाँच करानी भी बंद हो जाएगी जैसे की प्रद्युम्म ठाकुर की हत्या की CBI जाँच कराने के आदेश तुरंत दे दिए गये थे और दलित बिँदी कुमारी के परिवार की हत्या व बिँदी कुमारी पर अत्याचार की CBI जाँच के आदेश अब तक नहीँ दिए गये जातिप्रथा खत्म हो जाएगी तो जातिगत अत्याचार भी बंद हो जाएगे जातिप्रथा खत्म होने से एक नहीँ कई फायदे है कुछ लोग इतने कमीने, दोगले और नीच किश्म के है आरक्षण खत्म करने की बात तो करते हैं मगर जातिप्रथा खत्म करने की बात नहीँ करते ।

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मूलनिवासी इतिहास

sir Manohar barkade ji ki wall se मूलनिवासी इतिहास *ये है भारत का असली इतिहासl बाकि सब झूठ हैl* इस पोस्ट के अन्दर दबे हुए इतिहास के प...