Thursday, 21 December 2017

विज्ञान चालीसा

उदय एक भारतीय
विज्ञान_चालीसा पढ़ें।

विज्ञान चालीसा, (दुनिया के महान वैज्ञानिक और उनके invention)

जय न्यूटन विज्ञान के आगर,
गति खोजत ते भरि गये सागर ।

ग्राहम् बेल फोन के दाता,
जनसंचार के भाग्य विधाता ।

बल्ब प्रकाश खोज करि लीन्हा,
मित्र एडीशन परम प्रवीना ।

बायल और चाल्स ने जाना,
ताप दाब सम्बन्ध पुराना ।

नाभिक खोजि परम गतिशीला,
रदरफोर्ड हैं अतिगुणशीला ।

खोज करत जब थके टामसन,
तबहिं भये इलेक्ट्रान के दर्शन ।

जबहिं देखि न्यट्रोन को पाए,
जेम्स चैडविक अति हरषाये ।

भेद रेडियम करत बखाना,
मैडम क्यूरी परम सुजाना ।

बने कार्बनिक दैव शक्ति से,
बर्जीलियस के शुद्ध कथन से ।

बनी यूरिया जब वोहलर से,
सभी कार्बनिक जन्म यहीं से ।

जान डाल्टन के गूँजे स्वर,
आशिंक दाब के योग बराबर ।

जय जय जय द्विचक्रवाहिनी,
मैकमिलन की भुजा दाहिनी ।

सिलने हेतु शक्ति के दाता,
एलियास हैं भाग्यविधाता ।

सत्य कहूँ यह सुन्दर वचना,
ल्यूवेन हुक की है यह रचना ।

 कोटि सहस्र गुना सब दीखे,
सूक्ष्म बाल भी दण्ड सरीखे ।

देखहिं देखि कार्क के अन्दर,
खोज कोशिका है अति सुन्दर ।

 काया की जिससे भयी रचना,
राबर्ट हुक का था यह सपना ।

टेलिस्कोप का नाम है प्यारा,
मुट्ठी में ब्रम्हाण्ड है सारा ।

 गैलिलियो ने ऐसा जाना,
अविष्कार परम पुराना ।

विद्युत है चुम्बक की दाता,
सुंदर कथन मनहिं हर्षाता ।

 पर चुम्बक से विद्युत आई,
ओर्स्टेड की कठिन कमाई ।

ओम नियम की कथा सुहाती,
धारा विभव है समानुपाती ।

 एहि सन् उद्गगम करै विरोधा,
लेन्ज नियम अति परम प्रबोधा ।

चुम्बक विद्युत देखि प्रसंगा,
फैराडे मन उदित तरंगा ।

 धारा उद्गगम फिरि मन मोहे,
मान निगेटिव फ्लक्स के होवे ।

जय जगदीश सबहिं को साजे,
वायरलेस अब हस्त बिराजै ।

अलेक्जेंडर फ्लेमिंग आए,
पैसिंलिन से घाव भराये ।

आनुवांशिकी का यह दान,
कर लो मेण्डल का सम्मान ।

 डा रागंजन सुनहु प्रसंगा,
एक्स किरण की उज्ज्वल गंगा ।

मैक्स प्लांक के सुन्दर वचना,
क्वाण्टम अंक उन्हीं की रचना ।

फ्रैंकलिन की अजब कहानी,
देखि पतंग प्रकृति हरषानी ।

डार्विन ने यह रीति बनाई,
सरल जीव से सॄष्टि रचाई ।

परि प्रकाश फोटान जो धाये,
आइंस्टीन देखि हरषाए ।

षष्ठ भुजा में बेंजीन आई,
लगी केकुले को सुखदाई ।

देखि रेडियो मारकोनी का,
मन उमंग से भरा सभी का ।

कृत्रिम जीन का तोहफा लैके,
हरगोविंद खुराना आए ।

ऊर्जा की परमाणु इकाई,
डॉ भाषा के मन भाई ।

थामस ग्राहम अति विख्याता,
गैसों के विसरण के ज्ञाता ।

जो यह पढ़े विज्ञान चालीसा,
देइ उसे विज्ञान आशीषा ।

बोलो विज्ञान की जय।

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