Wednesday, 18 January 2017

रोहित वेमुला की याद .......

*अब तू नहीं ... बस तेरी यादे है ... और संघर्ष से भरा हुआ तेरा इतिहास है |*

रोहित,..... जकजोर कर रख दिया है तेरे आखरी शब्दों ने

_“आदमी की कीमत तो बस उसकी फौरी पहचानमें सिमटकर रहगयी है | निकटतम सम्भावना ही पहचान तय करती है एक वोट से एक संख्यासे एक चीज से | आदमी को एक दिमाग की तरह तो देखा ही नहीं गया....”_

*तेरे पत्र की कुछ बातों ने मुझे बहुत रुलाया...*

_" मै बचपन के अकेलेपन से कभी उबर नहीं पाया ,बचपन में मुझे किसी का प्यार नही मिला । इस क्षण मै आहत नही हूँ ,मै दुखी नही हूँ,मैं बस खाली हूँ " 😭_😭😭

काश तुम्हारे खालीपन को कोई भर पाता, तुम्हें कोई समझ पाता, कोई तुम्हारी भावनाओ को, अंतर्मन को पढ़ पाता ।

*तुम संघर्ष से नहीं टूटे, बस तुम्हारी भावनाओं को ,तुम्हारे संघर्ष को, तुम्हारे अंतर्मन को कोई पढने वाला नही मिला...*

तुम थे तब भी  अन्यायपूर्ण व्यवस्था के खिलाफ लड़ रहे थे और....

*आज भी मोर्चा ले रहा है तू ब्राह्मणी व्यवस्था के खिलाफ;*

और

*देशव्यापी शक्ल ले रहा है तेरा नाम ब्राह्मणवाद से लेकर फ़ासीवाद तक के ख़िलाफ ।*

विचारधारा के युद्ध मे तेरा यह बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा ।

*द्रोणाचार्य के ताबूत की आखिरी कील बनेगी तुम्हारी शहादत |*

कौन कहता है रोहित मर गया?

*रोहित कभी नहीं मरते ... रोहित हंमेशा जिन्दा रहते है संघर्ष के इतिहास के साथ |*

सलाम .. नमन.. वन्दन डॉ रोहित वेमुला

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