Thursday 8 February 2018

भारत टेक्नोलॉजी में आज तक पीछे क्यों रहा .....? इसे ठीक से समझिये..........!👇👇

भारत टेक्नोलॉजी में आज तक पीछे क्यों रहा .....?
इसे ठीक से समझिये..........!👇👇

             👉 जिन्होंने चमड़े से जूते , चप्पल बनाने का आविष्कार कर,समस्त मानव जाति के पैरों को सुरक्षित ,सुन्दर और निरापद बनाकर समाज सेवा की...... । वे लोग श्रेष्ठ नहीं....?

          👉 जिन्होंने सम्पूर्ण पर्यावरण की सफाई करके सुन्दर और स्वच्छ समाज बनाकर समाज की सेवा की....। वे लोग श्रेष्ठ नहीं....?

           👉 जिन्होंने लकड़ी से फर्नीचर (खाट,पलंग, आलमारी, मेज,कुर्सी ,दरवाजे आदि-आदि) का आविष्कार कर, समाज सेवा की......। वे लोग श्रेष्ठ नहीं....?

            👉 जिन्होंने मिट्टी के बर्तन बनाने का आविष्कार किया,(जिसमें हमारे पूर्वज मानव खाना और पेय पीने लगे...),को देकर समाज सेवा की.....। वे लोग श्रेष्ठ नहीं.....?

             👉 जिन्होंने बीज से खेती के औजारों का (हल, खुरपी, फावड़ा आदि का ) आविष्कार करके "अन्न पैदा करने की तकनीक" देकर भूखों मरते ,और जंगलों में कन्द-मूल और फल के लिए भटकते मानव की, समाज सेवा की.....। वे लोग श्रेष्ठ नहीं.....?

           👉 जिन्होंने लोहे से "मानव हितकारी यन्त्रों" का आविष्कार किया, साग सब्जी उगाकर या पशु पालन से समाज सेवा की। वे लोग श्रेष्ठ नहीं .....?

             👉 जिन्होंने घर, इमारतें बनाने का आविष्कार करके, प्रकृतिऔर मौसम के क्रूर थपेड़ों से मानव को बचाकर समाज सेवा की। वे लोग श्रेष्ठ नहींं.....?

              👉 जिन्होंने रेशम ,कपास और तमाम प्राकृतिक रेशों से कपड़े बुनने का आविष्कार कर मानव को जो , जंगलों में नंगे, ठंड और भीषण गर्मी में पेड़ की छाल पत्ते और मरे जानवरों की खाल लपेटने को बाध्य था ,को सुन्दर वस्त्र देकर सभ्य और सुसंकृत बनाकर समाज सेवा की। वे लोग श्रेष्ठ नहीं.......?

             👉 जिन्होंने नौकायें और बड़ी-बड़ी पानी के जहाज बनाकर यातायात को सरल बनाकर पूरे मानव सभ्यता को उन्नतिशील और ऐश्वर्यपूर्ण बनाकर , समाज सेवा की । वे लोग श्रेष्ठ नहीं....?.

            👉 जिन शिल्पकारों ने मिट्टी पत्थरों और तमाम प्राकृतिक संसाधनों से श्रेष्ठ,कलात्मक मूर्तियों का निर्माण करके इस समाज और दुनिया को कला और संस्कृति की अनन्त ऊँचाइयों पर पहुँचाकर कर समाज सेवा की । वे लोग श्रेष्ठ नहींं....?

                          लेकिन जिन्होने लंबे समय से समाज को अंधविश्वास ,ढकोसले , पाखंण्ड ,लोक-परलोक,स्वर्ग-नरक,पाप-पुण्य, मोक्षप्राप्ति, कपोल-राशिफल,कल्पित भविष्य-फल ,पुनर्जन्म,जातिवाद ,छूआ-छूत ,अश्पृश्यता , आदि-आदि नारकीय तमाम ढकोसलों के सहारे समाज को पीछे ढकेलकर समाज को अकर्मण्यता और भाग्यवादी बनाकर कर पीछे की तरफ ढकेलने वाले समाज के परजीवी ,दूसरे की खून पसीने की कमाई पर जीवन यापन करने वाले ,जोंक हैं वे ही आज तथाकथित जातिमात्र से श्रेष्ठ है...। यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है ।

               भारत टैक्नोलोजी में पीछे इसी वजह से है कि यहां "नॉन टैक्निकल" जातियां प्रभाव में श्रेष्ठ और प्रभावशाली रहीं हैं और "टैक्निकल जातियां" भेदभाव से शोषित रहीं हैं । अव्वल तो जातिवाद को ही इस देश से शीघ्रातिशीघ्र जड़-मूल सहित दफन कर देना चाहिए ,नहीं तो इस देश का भविष्य में भी वही बुरी स्थिति रहेगी , जो हजारों साल से है.....।

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