Friday 4 January 2019

मौलिक जानकारी

तुलसीदास दुबे ने अपने नीचता भरे ग्रंथ में राम का बहाना दे कर खुद शूद्रों(obc, sc st)को गा कर गाली दिया और आज भी शूद्र यानी बहुजन(obc sc st) वही रामायण गा गा कर खुद को हो गाली देता है।कभी रामायण में लिखी नीचता का अर्थ नही समझता।।।।

चलिए आज आपको रामायण में लिखी नीचता को दिखाते हैं👇👇

🔴 *मौलिक जानकारी*🔴

जानकारी के अभाव मे शूद्र(obc sc st)लोग अपने पूर्वज के हत्यारा का जाप करते है।
    जिस रामायण मे जात के नाम से गाली दिया गया है, उसी रामायण को शूद्र लोग रामधुन  ( अष्टयाम ) मे अखण्ड पाठ करते है, और अपने को गाली देते है । और मस्ती मे झाल बजाकर निम्न दोहा पढते है :-

*जे बरनाधम  तेलि  कुम्हारा,स्वपच किरात कोल कलवारा*।।

(तेली, कुम्हार, किरात, कोल, कलवार आदि सभी जातियां नीच 'अधम' वरन के होते हैं)

*नारी मुई गृह संपत्ति नासी, मूड़ मुड़ाई होहिं संयासा*
                (उ•का• 99ख  03)

(घर की नारी 'पत्नी' मरे तो समझो एक सम्पत्ति का नाश हो गया, फिर दुबारा दूसरी पत्नी ले आना चाहिए, पर अगर पति की मृत्यु हो जाए तो पत्नी को सिर मुंड़वाकर घर में एक कोठरी में रहना चाहिए, रंगीन कपड़े व सिंगार से दूर तथा दूसरी शादी करने की शख्त मनाही होनी चाहिए)

*ते बिप्रन्ह सन आपको पुजावही,उभय लोक निज हाथ नसावही*

(जो लोग ब्रह्मण से सेवा/ काम लेते हैं, वे अपने ही हाथों स्वर्ग लोक का नाश करते हैं)

*अधम जाति मै विद्दा पाए। भयऊँ जथा अहि दूध पिआएँ*
       (उ०का० 105 क 03)

(नीच जाति विद्या/ज्ञान प्राप्त करके वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पिलाने के बाद साँप)        

*आभीर(अहिर)जमन किरात खस,स्वपचादि अति अधरूप    जे*!!
           (उ• का• 129  छं•01 )

*काने खोरे कूबरे कुटिल कुचली जानि*।।
(अ• का• दोहा 14)

(दिव्यांग abnormal का घोर अपमान, जिन्हें भारतीय संविधान ने उन्हें तो एक विशेष इंसान का दर्जा दिया & विशेष हक-अधिकार भी दिये)

*सति हृदय अनुमान किय सबु जानेउ सर्वग्य,कीन्ह कपटु मै संभु सन नारी सहज अग्य*
(बा • का• दोहा 57क)
( नारी स्वभाव से ही अज्ञानी)

*ढोल गवार शूद्र पशू नारी,सकल ताड़न के अधिकारी* ।।

(ढोल, गंवार और पशुओं की हीे तरह *शूद्र*(obc sc st) एव साथ-साथ *नारी* को भी पीटना चाहिए)
    ( सु•का•  दोहा 58/ 03)

*पुजिए बिप्र शील गुण हीना,शूद्र न पुजिए गुण ज्ञान प्रविना*

(ब्रह्मण चाहे शील-गुण वाला नहीं *है फिर भी पूजनीय हैं और शूद्र (SC,ST,OBCs)चाहे कितना भी शीलवान,गुणवान या ज्ञानवान हो मान-सम्मान नहीं देना चाहिए)

    इस प्रकार से अनेको जगह जाति एवं वर्ण के नाम रखकर अपशब्द बोला गया है ।पुरे रामचरितमानस व रामायण मे जाति के नाम से गाली दिया गया है।

     इसी रामायण मे बालकाण्ड के दोहा 62  के  श्लोक 04  मे कहा गया है, कि जाति अपमान सबसे बड़ा अपमान है

इतना अपशब्द लिखने के बाद भी हमारा समाज ( शूद्र , sc, st, obc ) रामायण को सीने से लगा कर रखे हुए है, और हजारो , लाखो रूपये खर्च कर रामधुन  ( अष्टयाम ) कराते है ।कर्ज मे डूबे रहते है ।बच्चे को सही शिक्षा नही देते है ।और कहते है कि भगवान के मर्जी है ।

कुछ लोग पढ़ने-लिखने के पश्चात (बाबासाहब डाॅ भीमराव अंबेडकर जी के लिखे गए संविधान के आधार पर )नौकरी पाते है, और कहते है, कि ये सब राम जी के कृपा से हुआ है।।

    यदि आप राम  ( भगवान ) के कृपा से ही पढे लिखे और नौकरी पाए तो , आपके पिताजी ,दादाजी, परदादाजी ,लकरदादाजी & दादी, नानी, परदादी, परनानी इत्यादि भी पढे लिखे होते नौकरी पेशा मे होते!!  यदि सब राम  (भगवान )के  कृपा   से  ही  हुआ है, तो  आप बताइए कि  अंग्रेज़ के राज के पहले एक भी  शूद्र ( sc, st, obc and minority ) पढ़ा लिखा विद्वान बना हो?

    मेरे प्यारों!!
आप (शूद्र अर्थात मूलनिवासी sc, st, obc and minority ) जो भी कुछ है, भारतीय संविधान के बल पर ही है।

       *इसलिए हम सब का परम कर्तव्य बनता है कि भारतीय संविधान की रक्षा करें*

         क्योंकि    भारतीय    संविधान अभी    खतरे   मे है , इसे ब्राह्मणी  (सवर्णो का ) संगठन  (RSS)  ध्वस्त करने पर लगा हुआ है ।
और हमलोग हाथ पर हाथ रख कर सोय हुए है ।ब्राह्मणो के षडयंत्र मे फंसकर धर्म कार्य  (अंधभक्ति ) मे लगे हुए है ।

         

( विशेष जानकारी के लिए RSS दूसरे सर संचालक गोलवरकर द्वारा लिखित पुस्तक बंच आॅफ थाॅट्स की अध्ययन किया जाए, जिसमे लिखा है कि भारतीय संविधान जहरिला बीज है, इसे समाप्त कर देना चाहिए )

साथियो हमारा सबसे बड़ा धर्म  ( कर्तव्य ) है , भारतीय संविधान की रक्षा करना ।

(भारत की आधी आबादी  महिलाएँ भी स्वतंत्र अस्तित्त्व के इंसान हैं, पुरूषों की ही तरह)

अर्द्धनारीश्वर/अर्द्धांगिनी शब्द ही गलत है। किसी भी इंसान का शरीर आधा नारी का  & आधा पुरुष का हो ही नहीं सकता। अगर सही है तो एक पत्नी के मरते समय पति की भी मृत्यु हो जानी चाहिए।

*जय भारतीय संविधान*
*जय भीम*

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