Sunday 13 January 2019

मूलनिवासी एकता की जरुरत क्यों?

    😊राज की बात😊

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🙏मूलनिवासी एकता की जरुरत कयों? 🙏

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😊सवर्णों को मिलने जा रही 10 % "आरक्षण बिल" या "आरक्षण विधेयक" को लोकसभा में 300 से भी ज़्यादा मतों से भारी भरकम कामयाबी मिली है एवं राज्यसभा में भी पारित हो गई ।

😊इस संबंध में यदि "संविधान संशोधन" भी करना पड़े तो वह भी शायद कर ही लेगा ।

😊सवर्णों के लिए आरक्षण का प्रावधान के मायने एवं दूरगामी प्रभाव आनेवाले समय में भारत की जातीय - सामाज़िक राजनीति में कुछ भी क्यों न हो , किंतु एक बात बिल्कुल सत्य है कि इस देश के SC , ST , OBC एवं MINORITIES समाज़ के प्रायः सभी राजनेता क्षेत्रीय दलों में या राष्ट्रीय दलों में राजनीति में आने के बाद से सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने एवं अपने परिवार के राजनीतिक भविष्य , महत्वाकांक्षा एवं उत्थान की बातों को ही सर्वाधिक प्रधानता व प्राथमिकता हमेशा दी गई है।

😊बहुजनों की 85 % आबादी की आर्थिक उन्नति , शैक्षणिक उन्नति , सामाज़िक उन्नति , राजनीतिक उन्नति , प्रशासनिक उन्नति ,  न्यायिक उन्नति या अन्यान्य उन्नति के लिए हमारे कथित व तथाकथित मूलनिवासी बहुजन नेताओं व राजनेताओं ( कोईरी , कुर्मी , यादव , जाटव , मराठा , पासवान , गुर्जर , जाट , मुस्लिम नेतागण ) ने गंभीरता से कभी भी ध्यान नहीं दिया।

😊जिसके कारण आज़ इस देश की विशाल मूलनिवासी बहुजन जनता की स्थिति भयावह बनी हुईं है।

😊मूलनिवासी बहुजन  समाज़ एवं मूलनिवासी बहुजन राजनीतिक नेताओं का नेतृत्व बिल्कुल समाज के प्रति गद्दारी भरा रहा है ।

😊सारे के सारे मूलनिवासी बहुजन समाज अपनी - अपनी जाति के बहुजन नेताओं के साथ अलग - अलग राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हुए हैं।

😊जाति के आधार पर अलग - अलग समर्थक बने हुए हैं।

सभी मूलनिवासी बहुजन समाज़ के लोगों एवं मूलनिवासी बहुजन नेताओं का अपना अलग - अलग जातीय एवं राजनीतिक दलगत  कुनबा है।

😊वे सभी लोग ( चाहे जनता हों या नेता ) आपस में सामाज़िक रूप से एवं राजनैतिक रुप से एकताबद्ध नहीं है और होना भी नहीं चाहते हैं ।

🙏जिससे मूलनिवासी बहुजन समाज को हासिए पर खड़ा कर दिया है।🙏

😊मूलनिवासी बहुजन के नेताओं - राजनेताओं को अपना राजनैतिक अस्तित्व के लिए ब्राह्मणवाद का गोद ही प्यारा लग रहा है।

🤝 इसके विपरीत , इस देश के सवर्ण जाति की आम जनता एवं सवर्ण जाति के नेता - राजनेता गण विभिन्न राजनीतिक पार्टियों में अलग - अलग रहने एवं राजनीति करने  बावज़ूद भी अपनी सवर्ण जाति व समाज़ के हितों का पोषण करने में लगे रहते हैं।

😊इन सारी बातों से मूलनिवासी बहुजन समाज एवं मूलनिवासी बहुजन समाज के नेताओं के लिए एक बड़ी सीख , सबक एवं शिक्षा लेनी चाहिए थी, किंतु मूलनिवासी बहुजन समाज एवं मूलनिवासी बहुजन समाज के नेताओं को इससे कोई मतलब या सरोकार ही नहीं है। सिवाय अपना काम बनता भाड़ में जाए बहुजन जनता।

😊इसीलिए मूलनिवासी बहुजन समाज को अभी और दुर्दिन देखना पड़ेगा।

😊इस देश के SC , ST , OBC एवं MINORITIES समाज़ के सभी मूलनिवासी बहुजन समाज के लिए कितनी शर्म की बात है।

😊मूलनिवासी बहुजन समाज के नेताओं के लिए मानो खुशखबरी भरा कामयाबी मिला हो।  लोकसभा एवं राज्यसभा , दोनों सदनों में सवर्णों का "आरक्षण बिल" या "आरक्षण विधेयक" बहुमत , ध्वनिमत एवं करतल ध्वनि से पारित हो जातीं है एवं उस "बिल" या "विधेयक" के पक्ष में मूलनिवासी बहुजन समाज के नेता गण भी वोटिंग करते हैं !

😊राजनीतिक रूप से एवं राजनीतिक शक्ति के दृष्टिकोण से विभिन्न दलों के हमारे बहुजन नेता गण कितने मक्कार , गद्दार , स्वर्ण वफादार एवं समाज को दिग्भ्रमित करने वाला है।

अब बस ! बहुत हो गया गंदी राजनीति भरा खेल !

😊अब तो यह होना चाहिए एवं करना चाहिए कि इस देश के SC , ST , OBC , MINORITIES जाति एवं समाज़ के आम बहुजन नागरिक काँग्रेस , बीजेपी , राजद , सपा , बसपा , जदयू या अन्यान्य सभी राष्ट्रीय पार्टियों एवं क्षेत्रीय पार्टियों के अपने बहुजन नेताओं ( कोईरी , कुर्मी , यादव , जाटव , पटेल , मराठा , जाट , गुर्जर , पासवान , दलित , आदिवासी नेताओं ) से मोहभंग कर लें एवं मूलनिवासी बहुजन समाज़ ( SC , ST , OBC , MINORITIES ) के बुद्धिजीवियों को व्यवस्था परिवर्तन के लिए नया विकल्प पर गौर करने की आवश्यकता है।

😊"जिसमें केवल और केवल मूलनिवासी बहुजन समाज के ही नेतृत्व कर्ता हो " राष्ट्रीय स्तर की पार्टी स्थापित करने के दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।

😊इस तरह की पार्टी ही मूलनिवासी बहुजन समाज को अपना हक व हकूक दिला पायेगा। इस राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के नेता गण इतने ईमानदार , कर्मठ , स्वार्थरहित , ज़िम्मेदार , संवेदनशील , योग्य , पारदर्शी , नीतिवान , नैतिक साहसी , निर्भीक, ज़िम्मेवार एवं लोकतांत्रिक हो कि उनका एकमात्र उद्देश्य समस्त बहुजनों एवं राष्ट्र का समग्र विकास व उत्थान करना हो।

😊मूलनिवासी बहुजनों का "राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक दल " होने का सबसे बड़ा लाभ व फ़ायदा यह होगा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोकसभा चुनाव , विधानसभा चुनाव या अन्यान्य  जन प्रतिनिधि चुनाव में वोटिंग या मतदान के दौरान बहुजन मतों या वोट का बिखराव भी नहीं होगा एवं बहुजन नेताओं का अलग - अलग कुनबा भी कुकुरमुत्ते की तरह नहीं पनपेंगी।

😊यह समय की मांग है। इस देश की मूलनिवासी बहुजन ( SC , ST , OBC , MINORITIES ) समाज ,  मूलनिवासी बहुजन नेताओं , बहुजन बुद्धिजीवियों , बहुजन सामाज़िक कार्यकर्त्ताओं , बहुजन विचारकों , बहुजन चिंतकों को इन विषयों पर गभीर , सार्थक एवं तार्किक बौद्धिक चिंतन करना ही होगा।

😊"मूलनिवासी बहुजन समाज का राष्ट्रीय राजनीतिक दल" को मजबूत रुप से खड़ा करने के अवधारणा को धरातल पर मूर्त्त रूप देना ही पड़ेगा।

ऐसा नहीं करने से इस देश की मूलनिवासी बहुजन जनता एवं बहुजन नेता भविष्य में भी काँग्रेस - काँग्रेस , बीजेपी - बीजेपी , राजद - राजद , जदयू - जदयू  , सपा - सपा , बसपा - बसपा , लोजपा - लोजपा , झामुमो - झामुमो , आजसू - आजसू , अपना दल - अपना दल , तृणमूल - तृणमूल , अगप - अगप , डीएमके - डीएमके , अन्ना द्रमुक - अन्ना द्रमुक , सीपीआई - सीपीआई , सीपीएम - सीपीएम इत्यादि दलों का फुटबॉल बनकर किक खाने को तैयार रहना पड़ेगा।

😊उन्हीं सभी दलों का महज़ राजनीतिक खेल खेलते रह जाऐंगे एवं उन्हीं में उलझकर रह जाऐंगे ।

😊इस देश की मूलनिवासी बहुजन समाज एवं बहुजन नेताओं के लिए यही एक आख़िरी एवं मज़बूत जातीय , सामाज़िक एवं  राजनीतिक विकल्प है कि वे यथाशीघ्र वक़्त की नज़ाकत को समझते हुए एवं भाँपते हुए  इस ओर मजबूती से कदम बढ़ायें।

😊राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मज़बूत सामाज़िक - राजनीतिक हैसियत एवं उपस्थिति दर्ज़ करायें ।

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👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍

1 comment:

Unknown said...

Thank you so much for the information
JaiBhim Jaimoolniwasi

मूलनिवासी इतिहास

sir Manohar barkade ji ki wall se मूलनिवासी इतिहास *ये है भारत का असली इतिहासl बाकि सब झूठ हैl* इस पोस्ट के अन्दर दबे हुए इतिहास के प...