*मोदी का आज का फैसला संविधान की आत्मा और आरक्षण का निर्मम कत्ल है।*
संविधान प्रदत्त आरक्षण की आत्मा गरीबी नहीं है ।
*संविधान शैक्षणिक और सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण देता है।*
ओबीसी के एक बड़े तबके /हिस्से को क्रीमीलेयर लगाकर पिछले 25 सालों से रिजर्वेशन से आउट कर के रखा था और वर्तमान क्रीमीलेयर के लिए आय सीमा भी 8 लाख ही है। जिससे बहुत सारे पिछड़े जो हमारे भाई बंधु है वह कभी इस सिस्टम में नहीं घुस पाए।
यही आरक्षण मोदी ने आठ लाख की *आर्थिक सीमा तय करके सवर्ण कास्ट को दे दिया है हमें इससे कोई दिक्कत नहीं कि आप जनरल का 10 परसेंट या 15 परसेंट दो ।* हमें दिक्कत है इस बात से है कि वर्तमान में हमारी आबादी लगभग 65% है।
और हमें हमारी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए और अब कोई क्रीमीलेयर नहीं चलेगी ,और *65 %आरक्षण ओबीसी को नहीं दिया और क्रीमी लेयर नहीं हटाया, तो यह देश जलेगा ये मेरा वचन है।*
अगर संविधान संशोधन होगा तो ओबीसी के लिए भी होगा।
जय फुले जय अंबेडकर।
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