मेरठ। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज ने जाति आधारित आरक्षण खत्म करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश ब्राह्मण महासभा ने रविवार को मेरठ में सवर्ण समाज महासम्मेलन में जाति आधारित आरक्षण खत्म करने और आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किये जाने की माँग की।
http://www.nationaldastak.com/story/view/brahmins-again-talking-about-reservation-on-the-basis-of--economical-condition-
ब्राह्मण जाति आधारित आरक्षण को ही खत्म करने कि बात करते हैं
कभी भी जातियों को खत्म करने कि बात नहीं करते
जाति आधारित संगठनों को यह लोग बढावा देते हैं
अपने ब्राह्मणवादी मिडिया दवारा जाति आधारित संगठन का प्रचार प्रसार करते हैं
नेताओं से उस जातिगत संगठन को डोनेशन देते हैं
ताकि जातियाँ मजबूत हो सके
जातियाँ मजबूत होगी
तो ब्राह्मणवाद मजबूत होगा
लोग जातियों में बंट कर अपनी न्याय कि लड़ाई अलग अलग लडेगें
तो यह सब को अलग अलग करके मारेगें
अत्याचार करेगें
सबको तोड कर खुद राज करेगें
और किसी को भी जीवन जीने नहीं देगें
सबको रोटी कपड़ा मकान में उलझा कर रखेंगे
हमारे लोगों को संस्कृत पढायेगें
इनके बच्चों को प्राइवेट स्कुलों में
कान्वेंट में अंगेजी शिक्षा देगें
साथियों ऐसा नहीं है कि यह जातिगत आधार पर आरक्षण को खत्म करने कि मांग कर रहें हैं
और आर्थिक आधार लाना चाहते हैं
यह एक षडयंत्र के तहत हो रहा है
हमारे लोगों का ध्यान भटका कर यह लोग हमें माञ आरक्षण कि लड़ाई में ही लगाना चाहते हैं
जबकि एक तरफ
इन्होंने
निजीकरण के माध्यम से
ठैका प्रथा के माध्यम से
पीपीपी मोड के माध्यम से
बैकलॉग खत्म करके
प्रमोशन में आरक्षण को न्यायपालिका के माध्यम से खत्म करके
उच्च शिक्षा
जैसे
मेडिकल
इंजिनियरिंग
MBA
PHD
लगभग सभी का निजिकरण करके मेनेजमेंट कोटे से मतलब पैसे से
सारा का सारा
प्रतिनिधित्व (आरक्षण ) खत्म कर दिया है
साथियों आरक्षण कोई खैरात नहीं है
यह संवैधानिक अधिकार है
जो शासन प्रशासन में हमारे लोगों कि
वंचित समाज कि
पिछड़ों कि
जनसंख्या के हिसाब से भागीदारी है
इसका आधार
गरीबी नहीं है
इसका आधार आर्थिक नहीं है
इसका आधार है
1)सामाजिक और
2)शैक्षणिक पिछड़ापन
यह गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है
उदाहरण के रूप में एक बाप के चार बेटे हैं
और उसके पास चार बिघा जमीन है
तो वह बाप कि बेटों के लिए एक एक बिघा हिस्सेदारी है
इसी तरह हमारी भारत में जनसंख्या के हिसाब से शासन प्रशासन में हिस्सेदारी है
साथियों बार बार आरक्षण का नाम लेकर
जातिगत आरक्षण को खत्म करने का नाम लेकर हमें गुमराह किया जा रहा है
हकिकत में
हमारे लोगों को माञ 49% प्रतिशत में समेट दिया गया है
15% लोग 51% आरक्षण का फायदा ले रहें हैं
आप लोगों नें आये दिनों में पढा होगा कि
ओबीसी कि मेरीट
जनरल से ऊपर जा रही है
परन्तु ओबीसी का वह केंडिडेट सामान्य से ऊपर नम्बर ला रहा है
उसको रोस्टर रूल के तहत
उनको 51% अनारक्षित कोटे में जाना चाहिए था
परन्तु उसको आरक्षित कोटे में ही रखा जा रहा है
इसका मतलब यह हुआ कि हमारे लोगों को जो सामान्य से ज्यादा नम्बर ला रहें हैं
उनकों अगर अनारक्षित कोटे में नहीं लिया जा रहा है
इसका सिधा मतलब यह है कि
हमारे लोगों को ही नुकसान हो रहा है
और यह15% लोग सिधा सिधा 51% आरक्षण ले रहें हैं
इसलिए यह एक षडयंत्र के रूप में हैं
समझने विचार करने कि जरूरत है
समाज को आरक्षण (प्रतिनिधित्व ) क्या है
उसका मतलब बताने कि जरूरत है
संविधान के आर्टिकल 340 341 व 342 क्या है
आरक्षण का आधार क्या है
रोस्टर रूल क्या है
इसका प्रचार प्रसार करने कि जरूरत है
हमारे समाज को जानकार बनाने कि जरूरत है
ताकि वो संवैधानिक हकों कि रक्षा कर सके
http://www.nationaldastak.com/story/view/brahmins-again-talking-about-reservation-on-the-basis-of--economical-condition-
ब्राह्मण जाति आधारित आरक्षण को ही खत्म करने कि बात करते हैं
कभी भी जातियों को खत्म करने कि बात नहीं करते
जाति आधारित संगठनों को यह लोग बढावा देते हैं
अपने ब्राह्मणवादी मिडिया दवारा जाति आधारित संगठन का प्रचार प्रसार करते हैं
नेताओं से उस जातिगत संगठन को डोनेशन देते हैं
ताकि जातियाँ मजबूत हो सके
जातियाँ मजबूत होगी
तो ब्राह्मणवाद मजबूत होगा
लोग जातियों में बंट कर अपनी न्याय कि लड़ाई अलग अलग लडेगें
तो यह सब को अलग अलग करके मारेगें
अत्याचार करेगें
सबको तोड कर खुद राज करेगें
और किसी को भी जीवन जीने नहीं देगें
सबको रोटी कपड़ा मकान में उलझा कर रखेंगे
हमारे लोगों को संस्कृत पढायेगें
इनके बच्चों को प्राइवेट स्कुलों में
कान्वेंट में अंगेजी शिक्षा देगें
साथियों ऐसा नहीं है कि यह जातिगत आधार पर आरक्षण को खत्म करने कि मांग कर रहें हैं
और आर्थिक आधार लाना चाहते हैं
यह एक षडयंत्र के तहत हो रहा है
हमारे लोगों का ध्यान भटका कर यह लोग हमें माञ आरक्षण कि लड़ाई में ही लगाना चाहते हैं
जबकि एक तरफ
इन्होंने
निजीकरण के माध्यम से
ठैका प्रथा के माध्यम से
पीपीपी मोड के माध्यम से
बैकलॉग खत्म करके
प्रमोशन में आरक्षण को न्यायपालिका के माध्यम से खत्म करके
उच्च शिक्षा
जैसे
मेडिकल
इंजिनियरिंग
MBA
PHD
लगभग सभी का निजिकरण करके मेनेजमेंट कोटे से मतलब पैसे से
सारा का सारा
प्रतिनिधित्व (आरक्षण ) खत्म कर दिया है
साथियों आरक्षण कोई खैरात नहीं है
यह संवैधानिक अधिकार है
जो शासन प्रशासन में हमारे लोगों कि
वंचित समाज कि
पिछड़ों कि
जनसंख्या के हिसाब से भागीदारी है
इसका आधार
गरीबी नहीं है
इसका आधार आर्थिक नहीं है
इसका आधार है
1)सामाजिक और
2)शैक्षणिक पिछड़ापन
यह गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है
उदाहरण के रूप में एक बाप के चार बेटे हैं
और उसके पास चार बिघा जमीन है
तो वह बाप कि बेटों के लिए एक एक बिघा हिस्सेदारी है
इसी तरह हमारी भारत में जनसंख्या के हिसाब से शासन प्रशासन में हिस्सेदारी है
साथियों बार बार आरक्षण का नाम लेकर
जातिगत आरक्षण को खत्म करने का नाम लेकर हमें गुमराह किया जा रहा है
हकिकत में
हमारे लोगों को माञ 49% प्रतिशत में समेट दिया गया है
15% लोग 51% आरक्षण का फायदा ले रहें हैं
आप लोगों नें आये दिनों में पढा होगा कि
ओबीसी कि मेरीट
जनरल से ऊपर जा रही है
परन्तु ओबीसी का वह केंडिडेट सामान्य से ऊपर नम्बर ला रहा है
उसको रोस्टर रूल के तहत
उनको 51% अनारक्षित कोटे में जाना चाहिए था
परन्तु उसको आरक्षित कोटे में ही रखा जा रहा है
इसका मतलब यह हुआ कि हमारे लोगों को जो सामान्य से ज्यादा नम्बर ला रहें हैं
उनकों अगर अनारक्षित कोटे में नहीं लिया जा रहा है
इसका सिधा मतलब यह है कि
हमारे लोगों को ही नुकसान हो रहा है
और यह15% लोग सिधा सिधा 51% आरक्षण ले रहें हैं
इसलिए यह एक षडयंत्र के रूप में हैं
समझने विचार करने कि जरूरत है
समाज को आरक्षण (प्रतिनिधित्व ) क्या है
उसका मतलब बताने कि जरूरत है
संविधान के आर्टिकल 340 341 व 342 क्या है
आरक्षण का आधार क्या है
रोस्टर रूल क्या है
इसका प्रचार प्रसार करने कि जरूरत है
हमारे समाज को जानकार बनाने कि जरूरत है
ताकि वो संवैधानिक हकों कि रक्षा कर सके
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