*कृष्ण का इतिहास: तथा दिपावली में कृष्ण का महत्व।*
कहा जाता है कि कृष्ण ने एक मूल निवासी राजा नरकासुर को ठीक इसी दिन मारा था। और इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाना शुरू किया गया था। कहा जाता है नरकासुर ने 16000 औरतों को बंदी बनाया था और नरकासुर भी यज्ञों के परम विरोधी था। वो विदेशी आर्यों से नफरत करता था। यहाँ पर सोचने कि बात है जो नरकासुर यज्ञ जैसे कृत्यों का विरोधी था वो 16000 औरतों को कैसे बंदी बना सकता था? असल में कृष्ण ने नरकासुर को धोखे से मारा था। जिस के लिए कृष्ण ने नरकासुर के महल में प्रवेश किया उसकी रानी से नरकासुर की मृत्यु का राज जाना और धोखे से नरकासुर का वध कर दिया। बाद में अपनी हवस को पूरा करने के लिए नरकासुर के राज्य से मूल निवासियों की पत्नियों, बेटियों और बहुओं को उठा कर अपने साथ ले गया था। जिसको बाद में ब्राह्मणों ने कृष्ण को भगवान् साबित करने के लिए 16000 औरतों को मुक्त करना बताया। यहाँ पर भी मूल निवासी राजा की मृत्यु को ही दीपावली कह कर मनाया गया। मूल निवासी लोग इस बात का सच ना जान ले इसलिए काल्पनिक कहानियां बनाई गई
🙏🙏जय भीम नमो बुद्धाय🙏🙏
*जागो और जगाओ अंधविश्वास पाखंडवाद भगाओ समाज को जागरुक करें शिक्षित करो संगठित करो*
कहा जाता है कि कृष्ण ने एक मूल निवासी राजा नरकासुर को ठीक इसी दिन मारा था। और इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाना शुरू किया गया था। कहा जाता है नरकासुर ने 16000 औरतों को बंदी बनाया था और नरकासुर भी यज्ञों के परम विरोधी था। वो विदेशी आर्यों से नफरत करता था। यहाँ पर सोचने कि बात है जो नरकासुर यज्ञ जैसे कृत्यों का विरोधी था वो 16000 औरतों को कैसे बंदी बना सकता था? असल में कृष्ण ने नरकासुर को धोखे से मारा था। जिस के लिए कृष्ण ने नरकासुर के महल में प्रवेश किया उसकी रानी से नरकासुर की मृत्यु का राज जाना और धोखे से नरकासुर का वध कर दिया। बाद में अपनी हवस को पूरा करने के लिए नरकासुर के राज्य से मूल निवासियों की पत्नियों, बेटियों और बहुओं को उठा कर अपने साथ ले गया था। जिसको बाद में ब्राह्मणों ने कृष्ण को भगवान् साबित करने के लिए 16000 औरतों को मुक्त करना बताया। यहाँ पर भी मूल निवासी राजा की मृत्यु को ही दीपावली कह कर मनाया गया। मूल निवासी लोग इस बात का सच ना जान ले इसलिए काल्पनिक कहानियां बनाई गई
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