मनुवाद पर, 🐅 अम्बेडकरवाद का वार पे वार.......
"अक्ल के अंधे"
"मनुवादी"*********
🔻...जिस धर्म में पिता अपनी पुत्री से बलत्कार करे, बाद में उसे रखैल बनाएे, फीर भी "भगवान ब्रम्हा" कहलाये !
🔻... जिस धर्म में जो कोई अपनी स्त्री को जुआ में दॉव पर लगा कर हार जाये, वो फिर भी "धर्मराज" कहलाये !
🔻...जिस धर्म में बेटा अपनी निर्दोष माँ को फ़र्सा से हत्या कर दे वो तुच्छ "भगवान" का अवतार और परशुराम कहलाये|
🔻....जिस धर्म में एक हीं माता - पिता से जन्में संतान पुत्र "सवर्ण"और पुत्री "शुद्र" हो जाए, माता, बहन, पुत्री, पत्नी शुद्र और ताड़न की अधिकारी हो जाये !! फिर भी ऐसा पाखंडी धर्म का पाखंड उसके दुष्ट अनुयायियों को समझ में न आये!
🔻...जिस धर्म में मलभक्षी सुअर को भगवान का अवतार कहा जाये, किन्तु एक "मानव" ("शुद्र") को उस सूअर से भी "नीच" समझा जाये ! फिर भी ऐसा पाखंडी धर्म का पाखंड उसके दुष्ट अनुयायियों को समझ में न आये !
🔻...जिस धर्म में इंसान की बनायी हुई मुर्ति पर कुत्ता सुअर और चूहे अपना मल- मूत्र विसर्जन करते रहे, फिर भी वो पवित्र रहे | और यदि उसी मंदिर मे एक शूद्र दलित चला जाये तो मंदिर और भगवान दोनो अपवित्र हो जाये ! अर्थात जिस मंदिर की मूर्ति पर कुत्ते टांग उठा कर अपने मुत्र के द्वारा मूत्राभिषेक कर दे, फिर भी वह पत्थर की मुर्ति पवित्र है, किंतु शुद्र मानव की मात्रछाया से ये मेरुपर्वत व नित्यानंद के असंवैधानिक संतान, विदेशी आर्य ,मनुवादी, ब्रहमणवादी व देशद्रोही अशुद्ध एवं अपवित्र हो जांय ! और पवित्र होने के लिये गाय का मुत्र पीयें ! फिर भी ऐसा पाखंडी धर्म का पाखंड उसके दुष्टअनुयायियों को समझ में न आये !
🔻... जिस धर्म में एक बंदर तथाकथित भगवान होकर पृथ्वी पर रहते हुए भी उससे कई गुना बड़ा 'सूर्य' को कोई फ़ल समझते हुये निगलने या खाने को सोचे और वह बंदर भगवान हनुमान कहाये ! फिर भी ऐसा पाखंडी धर्म का पाखंड उसके अज्ञानी एवं मानसिक गुलाम अनुयायियों को समझ में न आये !
🔻...जिस धर्म में दो भगवान विष्णु और शंकर सम्लैंगिक संभोग करने लगे और तीसरा बेटी को भी ना छोड़े फीर भी वो भगवान त्रिदेव कहलाएे ! थु है ऐसे धर्म पर, शर्म करो मनुवादीयों......
🐗🐗🐗🐗🐗🐗🐗
वर्ण-व्यवस्था का भंडाफोड
चलो
चारो वर्ण का
पोस्टमोर्टम करे
🔵 ब्राह्मण 🔵
🐗 ब्राह्मण शब्द को तोड़कर देखें तो
बराह+मन=ब्राह्मण
बराह का मतलब सूअर होता है ( विष्णु ने दश अवतार धारण किया उसमें एक अवतार बराह का था ) यानि कि सूअर की तरह गंदगी से लथपथ और गंदगी का सेवन करने बाला मन मतलब जिसके दिमाग में सिर्फ गंदगी भरी पडी है...वो है ब्राह्मण )
🔵 क्षत्रिय 🔵
🐕 छाती+तिरिया=क्षत्रिय
छाती का मतलब वक्ष-स्थल
और तिरिया का मतलब स्त्री यानि की पराई बहु-बेटियो के सीने की सुंदरता पर मुग्ध होकर उनकी अस्मत लूट लेने बाला
( मतलब बहन बेटीयाँ की ईज्जत पे डाका डालने वाला )
🔵 वैश्य 🔵
वैश्य का मतलब
देह-व्यापारी....
ये सदियों पहले खुद कि बेहन बेटीयों की हीं देह-व्यापार करते थे....
फिर गुलामों का व्यापार किया और आज अपने ईमान का व्यापार कर रहे हैं
( मतलब जिसका कोई ईमान नही.... )
🔵 शूद्र 🔵
🐅 जब शूद्र शब्द को तोड़कर देखते हेैं तो हमारा गौरवशाली इतिहास हमारी आँखों के सामने
"दूध का दूध और
पानी का पानी" की तरह शुद्ध रूप में दिखाई देने लगता है।
शू=शूरवीर
द्र=द्रविड़
यानि शूरवीर द्रविड़
मतलब भारत देश के शांतिप्रिय जीवन व्यतीत करने बाले
दया के सागर
अन्याय के खिलाफ आर्यों से 1500 वर्षों तक वीरता के साथ लड़कर वीरगति को प्राप्त होने वाले उस वंश के संतान हेैं हम मुझे गर्व है कि हम हीं इस देश के मूलनिवासी है
https://chat.whatsapp.com/0XwUJ9aTYyM4EXkrnxDmZz
"अक्ल के अंधे"
"मनुवादी"*********
🔻...जिस धर्म में पिता अपनी पुत्री से बलत्कार करे, बाद में उसे रखैल बनाएे, फीर भी "भगवान ब्रम्हा" कहलाये !
🔻... जिस धर्म में जो कोई अपनी स्त्री को जुआ में दॉव पर लगा कर हार जाये, वो फिर भी "धर्मराज" कहलाये !
🔻...जिस धर्म में बेटा अपनी निर्दोष माँ को फ़र्सा से हत्या कर दे वो तुच्छ "भगवान" का अवतार और परशुराम कहलाये|
🔻....जिस धर्म में एक हीं माता - पिता से जन्में संतान पुत्र "सवर्ण"और पुत्री "शुद्र" हो जाए, माता, बहन, पुत्री, पत्नी शुद्र और ताड़न की अधिकारी हो जाये !! फिर भी ऐसा पाखंडी धर्म का पाखंड उसके दुष्ट अनुयायियों को समझ में न आये!
🔻...जिस धर्म में मलभक्षी सुअर को भगवान का अवतार कहा जाये, किन्तु एक "मानव" ("शुद्र") को उस सूअर से भी "नीच" समझा जाये ! फिर भी ऐसा पाखंडी धर्म का पाखंड उसके दुष्ट अनुयायियों को समझ में न आये !
🔻...जिस धर्म में इंसान की बनायी हुई मुर्ति पर कुत्ता सुअर और चूहे अपना मल- मूत्र विसर्जन करते रहे, फिर भी वो पवित्र रहे | और यदि उसी मंदिर मे एक शूद्र दलित चला जाये तो मंदिर और भगवान दोनो अपवित्र हो जाये ! अर्थात जिस मंदिर की मूर्ति पर कुत्ते टांग उठा कर अपने मुत्र के द्वारा मूत्राभिषेक कर दे, फिर भी वह पत्थर की मुर्ति पवित्र है, किंतु शुद्र मानव की मात्रछाया से ये मेरुपर्वत व नित्यानंद के असंवैधानिक संतान, विदेशी आर्य ,मनुवादी, ब्रहमणवादी व देशद्रोही अशुद्ध एवं अपवित्र हो जांय ! और पवित्र होने के लिये गाय का मुत्र पीयें ! फिर भी ऐसा पाखंडी धर्म का पाखंड उसके दुष्टअनुयायियों को समझ में न आये !
🔻... जिस धर्म में एक बंदर तथाकथित भगवान होकर पृथ्वी पर रहते हुए भी उससे कई गुना बड़ा 'सूर्य' को कोई फ़ल समझते हुये निगलने या खाने को सोचे और वह बंदर भगवान हनुमान कहाये ! फिर भी ऐसा पाखंडी धर्म का पाखंड उसके अज्ञानी एवं मानसिक गुलाम अनुयायियों को समझ में न आये !
🔻...जिस धर्म में दो भगवान विष्णु और शंकर सम्लैंगिक संभोग करने लगे और तीसरा बेटी को भी ना छोड़े फीर भी वो भगवान त्रिदेव कहलाएे ! थु है ऐसे धर्म पर, शर्म करो मनुवादीयों......
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वर्ण-व्यवस्था का भंडाफोड
चलो
चारो वर्ण का
पोस्टमोर्टम करे
🔵 ब्राह्मण 🔵
🐗 ब्राह्मण शब्द को तोड़कर देखें तो
बराह+मन=ब्राह्मण
बराह का मतलब सूअर होता है ( विष्णु ने दश अवतार धारण किया उसमें एक अवतार बराह का था ) यानि कि सूअर की तरह गंदगी से लथपथ और गंदगी का सेवन करने बाला मन मतलब जिसके दिमाग में सिर्फ गंदगी भरी पडी है...वो है ब्राह्मण )
🔵 क्षत्रिय 🔵
🐕 छाती+तिरिया=क्षत्रिय
छाती का मतलब वक्ष-स्थल
और तिरिया का मतलब स्त्री यानि की पराई बहु-बेटियो के सीने की सुंदरता पर मुग्ध होकर उनकी अस्मत लूट लेने बाला
( मतलब बहन बेटीयाँ की ईज्जत पे डाका डालने वाला )
🔵 वैश्य 🔵
वैश्य का मतलब
देह-व्यापारी....
ये सदियों पहले खुद कि बेहन बेटीयों की हीं देह-व्यापार करते थे....
फिर गुलामों का व्यापार किया और आज अपने ईमान का व्यापार कर रहे हैं
( मतलब जिसका कोई ईमान नही.... )
🔵 शूद्र 🔵
🐅 जब शूद्र शब्द को तोड़कर देखते हेैं तो हमारा गौरवशाली इतिहास हमारी आँखों के सामने
"दूध का दूध और
पानी का पानी" की तरह शुद्ध रूप में दिखाई देने लगता है।
शू=शूरवीर
द्र=द्रविड़
यानि शूरवीर द्रविड़
मतलब भारत देश के शांतिप्रिय जीवन व्यतीत करने बाले
दया के सागर
अन्याय के खिलाफ आर्यों से 1500 वर्षों तक वीरता के साथ लड़कर वीरगति को प्राप्त होने वाले उस वंश के संतान हेैं हम मुझे गर्व है कि हम हीं इस देश के मूलनिवासी है
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