Thursday 27 October 2016

द्राैपदी पांच पतियों की पत्नी कैसे बनी?
जीवनमंत्र डेस्क | Apr 17, 2015, 07:26:00 AM IST
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द्राैपदी महाभारत की महत्वपूर्ण पात्र हैैं। यह
पांचाल नरेश राजा द्रुपद की पुत्री थी आैर यज्ञ की
वेदी से प्रकट हुई थी। इसी कारण इनके नाम द्राैपदी,
पांचाली के अलावा यज्ञसेनी भी हैं। द्राैपदी काे
धनुर्विद्या का श्रेष्ठतम प्रदर्शन कर अर्जुन ने स्वयंवर
में हासिल किया था, लेकिन उसे पांचों पांडवों की पत्नी
बनना पड़ा। कारण जब द्राैपदी को लेकर पांडव अपनी
माता के पास पहुंचे ताे काम मेंं व्यस्त कुंती ने कहा जो
लेकर आए हैं, उसे मिलकर बांट लें। इसी कारण द्राैपदी
जिसने अर्जुन का वरण किया था, सभी की पत्नी बनकर
रही।
महाभारत की एक कथा के अनुसार द्राैपदी ने पूर्व जन्म
में भगवान शिव से पति के लिए पांच बार याचना की
थी। उसने अपने पति में पांच गुण चाहे थेे। ये सभी गुण एक
व्यक्ति में संभव न होने के कारण उसे पाचं पतियों की
पत्नी बनने का आशीर्वाद मिला था। यहांं यह भी
महत्वपूर्ण है कि महाभारत के युग में यह परंपरा थी। न
केवल एक पुरुष एकाधिक स्त्रियों से विवाह कर सकता
था बल्कि एक स्त्री भी एक से अधिक विवाह करके समान
रूप से दांपत्य का निर्वहन कर सकती थी। द्राैपदी
महाभारत कथा के केंद्र में होने के कारण इस रूप में
चर्चित हो गई। अन्यथा उस काल के ऐसे अनेक उदाहरण
हैं।

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