देश की 2000 वर्ष की गुलामी का दोषी कौन ?
एक बार भंते सुमेधानंद एक सभा में प्रवचन कर रहे थे , उस सभा में से एक ब्राह्मण की आवाज गूंजी कि बौद्ध धम्म के कारण ही हमारा देश गुलाम हुआ था । तब भंते ने उस ब्राह्मण से पूछा -
श्रमण- हे ब्राह्मण ! आप लोग कहते हैं कि बौद्ध धम्म के कारण अपना देश गुलाम हुआ ।
ब्राह्मण - हाँ भंते ! बौद्ध धम्म के कारण ही अपना देश गुलाम हुआ ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! भारत में बुद्ध धम्म की स्थापना कब हुई ?
ब्राह्मण - हे भंते ! लगभग 2530 वर्ष पूर्व ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! भारत में बौद्ध धम्म का साम्राज्य कब तक रहा ?
ब्राह्मण - हे भंते ! लगभग 2200 वर्ष पूर्व तक ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! इन 320 वर्ष के मध्य भारत किसी विदेशी राजा का गुलाम बना ।
ब्राह्मण - नही भंते ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! बौद्ध धम्म का अंतिम सम्राट कौन था ?
ब्राह्मण - हे भंते ! सम्राट बृहद्रथ ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! बृहद्रथ का साम्राज्य कब तक रहा ।
ब्राह्मण - हे भंते ! लगभग 2200 वर्ष पूर्व तक ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! बृहद्रथ की हत्या किसके द्वारा की गई ?
ब्राह्मण - हे भंते ! बृहद्रथ के सेनापति पुष्पमित्र शुंग द्वारा ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! भारतवर्ष पर कब्जा करने के बाद ब्राह्मण पुष्पमित्र शुंग ने क्या घोषणा की थी ?
ब्राह्मण - हे भंते ! जो शूरवीर जितने बौद्धों के सिर कलम करके लायेगा , उसको उतना ही धन दिया जायेगा ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! पुष्पमित्र शुंग के साम्राज्य के बाद कौनसे विधान की रचना की गई ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! 2176 वर्ष पूर्व सुमित भार्गव द्वारा मनुस्मृति की रचना की गई ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! उस मनुस्मृति में कौन कौनसे विधानों की रचना की गई ?
ब्राह्मण - हे भिक्षु ! मनुस्मृति के विधानों ने भारतीय समाज को हजारों जातियों में बाँट कर देश की एकता और शक्ति को छिन्न भिन्न कर दिया , ऊँचनीच और छुआछूत का राज्य कायम हो गया , सभी भारतीय लोग ही एक दूसरे से जलन रखने लगे , सिर्फ चन्द क्षत्रिय वर्ग को छोड़कर समस्त भारतीय लोगों पर हथियार उठाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया , एक दूसरे से बदला लेने के लिए भारतीय लोग ही विदेशी लोगों को भारत पर आक्रमण करने के लिए आमन्त्रण करने लगे ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! देश की ऐसी राज्य व्यवस्था बौद्ध धम्म के कारण हुई या ब्राह्मण धर्म के कारण ।
ब्राह्मण - हे भंते ! ब्राह्मण धर्म के कारण ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! बौद्ध धम्म कौनसी शताब्दी में समाप्ति के कगार पर था ?
ब्राह्मण - हे भंते ! लगभग 7 वीं शताब्दी में ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! आपके शंकराचार्यों ने कौनसी शताब्दी में घोषणा की थी कि भारत बौद्ध धम्म रहित हो गया ?
ब्राह्मण - हे भंते ! 8 वीं शताब्दी में ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब सन् 712 में मुहम्मद बिन कासिम ने सम्राट दाहिर पर आक्रमण किया , तब सम्राट दाहिर के हारने का क्या कारण था ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! एक ब्राह्मण ने कासिम से कहा कि यदि देवी मन्दिर का वह झंडा गिरा दिया जाये तो दाहिर सेना भाग जायेगी । उस समय ब्राह्मणी अन्धविश्वास इतना था कि सेना भाग गई और हम हार गए । इस प्रकार भारत की गुलामी की नींव सन् 712 में एक ब्राह्मण के देशद्रोह के कारण रखी गई ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब 7 वीं शताब्दी के बाद महमूद गजनी द्वारा सोमनाथ मन्दिर को लूटा गया , तब देश में किसकी सत्ता थी ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! ब्राह्मण धर्म की ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब महमूद गजनी भारत की एक लाख औरतों को बन्दी बनाकर अपने हरम के लिए अपने देश ले गया , तब भारत में किसकी सत्ता थी ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! ब्राह्मण धर्म की ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब महमूद ने सोमनाथ के किले के मुख्य दरवाजे पर धाबा बोला , तब ब्राह्मण धर्म की सेना क्या कर रही थी ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! किले की दीवारों पर बैठी सेना इस ख्याल से प्रसन्न हो रही थी कि ये दुस्साहसी मुसलमान अभी चन्द मिनटों में हमारे देवता द्वारा नष्ट कर दिए जायेंगे ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! सन् 1562 में अंवर अर्थात जयपुर के राजा बिहारी मल ने अकबर के सामने क्या किया ?
ब्राह्मण - हे भंते ! राजा बिहारी मल ने बिना तलवार और ढाल उठाये अकबर के आगे घुटने टेक दिए और अपनी बेटी का उससे विवाह भी कर दिया ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! रणथम्भोर , मारवाड़ , बीकानेर , जोधपुर और जैसलमेर के राजाओं ने अकबर के सामने क्या किया ?
ब्राह्मण - हे भंते ! आत्म समर्पण करके अपनी अविवाहित लड़कियां अकबर के हरम के लिए सुपुर्द कर दीं ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब गुरु गोविन्द सिंह और शिवाजी क्रमशः पंजाब और महाराष्ट्र में मुगलों से लोहा ले रहे थे , तब ब्राह्मण धर्म की सेना क्या कर रही थी ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! राजपूत , मराठे और दूसरे भारतीय राजा ही गुरु गोविन्द सिंह और शिवाजी के खून के प्यासे बने हुए थे ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! महाराणा प्रताप की सारी जिंदगी किन राजाओं के साथ लड़ती हुई गुजर गई ?
ब्राह्मण - हे भंते ! अकबर के गुलाम भारतीय राजाओं के साथ ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! राणा साँगा ने भारत पर आक्रमण करने के लिए किसको आमन्त्रित किया ?
ब्राह्मण - हे भंते ! बावर को आमंत्रित किया था ।
श्रमण - हे बुद्धिमान ब्राह्मण ! हम भारतीय इतने नपुंसक कैसे बन गए ?
ब्राह्मण - हे भंते ! ब्राह्मणी धर्म के कर्मफल , किस्मत और ब्रह्मसत्य जैसे सिद्धांतों ने भारतीय लोगों को नपुंसक बना दिया ।
श्रमण - हे बुद्धिमान ब्राह्मण ! अब बताइये अपना देश बौद्ध धम्म के कारण गुलाम हुआ या ब्राह्मणी धर्म के कारण ।
ब्राह्मण - हे श्रमण ! ब्राह्मणी धर्म के कारण ।।
एक बार भंते सुमेधानंद एक सभा में प्रवचन कर रहे थे , उस सभा में से एक ब्राह्मण की आवाज गूंजी कि बौद्ध धम्म के कारण ही हमारा देश गुलाम हुआ था । तब भंते ने उस ब्राह्मण से पूछा -
श्रमण- हे ब्राह्मण ! आप लोग कहते हैं कि बौद्ध धम्म के कारण अपना देश गुलाम हुआ ।
ब्राह्मण - हाँ भंते ! बौद्ध धम्म के कारण ही अपना देश गुलाम हुआ ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! भारत में बुद्ध धम्म की स्थापना कब हुई ?
ब्राह्मण - हे भंते ! लगभग 2530 वर्ष पूर्व ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! भारत में बौद्ध धम्म का साम्राज्य कब तक रहा ?
ब्राह्मण - हे भंते ! लगभग 2200 वर्ष पूर्व तक ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! इन 320 वर्ष के मध्य भारत किसी विदेशी राजा का गुलाम बना ।
ब्राह्मण - नही भंते ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! बौद्ध धम्म का अंतिम सम्राट कौन था ?
ब्राह्मण - हे भंते ! सम्राट बृहद्रथ ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! बृहद्रथ का साम्राज्य कब तक रहा ।
ब्राह्मण - हे भंते ! लगभग 2200 वर्ष पूर्व तक ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! बृहद्रथ की हत्या किसके द्वारा की गई ?
ब्राह्मण - हे भंते ! बृहद्रथ के सेनापति पुष्पमित्र शुंग द्वारा ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! भारतवर्ष पर कब्जा करने के बाद ब्राह्मण पुष्पमित्र शुंग ने क्या घोषणा की थी ?
ब्राह्मण - हे भंते ! जो शूरवीर जितने बौद्धों के सिर कलम करके लायेगा , उसको उतना ही धन दिया जायेगा ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! पुष्पमित्र शुंग के साम्राज्य के बाद कौनसे विधान की रचना की गई ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! 2176 वर्ष पूर्व सुमित भार्गव द्वारा मनुस्मृति की रचना की गई ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! उस मनुस्मृति में कौन कौनसे विधानों की रचना की गई ?
ब्राह्मण - हे भिक्षु ! मनुस्मृति के विधानों ने भारतीय समाज को हजारों जातियों में बाँट कर देश की एकता और शक्ति को छिन्न भिन्न कर दिया , ऊँचनीच और छुआछूत का राज्य कायम हो गया , सभी भारतीय लोग ही एक दूसरे से जलन रखने लगे , सिर्फ चन्द क्षत्रिय वर्ग को छोड़कर समस्त भारतीय लोगों पर हथियार उठाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया , एक दूसरे से बदला लेने के लिए भारतीय लोग ही विदेशी लोगों को भारत पर आक्रमण करने के लिए आमन्त्रण करने लगे ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! देश की ऐसी राज्य व्यवस्था बौद्ध धम्म के कारण हुई या ब्राह्मण धर्म के कारण ।
ब्राह्मण - हे भंते ! ब्राह्मण धर्म के कारण ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! बौद्ध धम्म कौनसी शताब्दी में समाप्ति के कगार पर था ?
ब्राह्मण - हे भंते ! लगभग 7 वीं शताब्दी में ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! आपके शंकराचार्यों ने कौनसी शताब्दी में घोषणा की थी कि भारत बौद्ध धम्म रहित हो गया ?
ब्राह्मण - हे भंते ! 8 वीं शताब्दी में ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब सन् 712 में मुहम्मद बिन कासिम ने सम्राट दाहिर पर आक्रमण किया , तब सम्राट दाहिर के हारने का क्या कारण था ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! एक ब्राह्मण ने कासिम से कहा कि यदि देवी मन्दिर का वह झंडा गिरा दिया जाये तो दाहिर सेना भाग जायेगी । उस समय ब्राह्मणी अन्धविश्वास इतना था कि सेना भाग गई और हम हार गए । इस प्रकार भारत की गुलामी की नींव सन् 712 में एक ब्राह्मण के देशद्रोह के कारण रखी गई ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब 7 वीं शताब्दी के बाद महमूद गजनी द्वारा सोमनाथ मन्दिर को लूटा गया , तब देश में किसकी सत्ता थी ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! ब्राह्मण धर्म की ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब महमूद गजनी भारत की एक लाख औरतों को बन्दी बनाकर अपने हरम के लिए अपने देश ले गया , तब भारत में किसकी सत्ता थी ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! ब्राह्मण धर्म की ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब महमूद ने सोमनाथ के किले के मुख्य दरवाजे पर धाबा बोला , तब ब्राह्मण धर्म की सेना क्या कर रही थी ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! किले की दीवारों पर बैठी सेना इस ख्याल से प्रसन्न हो रही थी कि ये दुस्साहसी मुसलमान अभी चन्द मिनटों में हमारे देवता द्वारा नष्ट कर दिए जायेंगे ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! सन् 1562 में अंवर अर्थात जयपुर के राजा बिहारी मल ने अकबर के सामने क्या किया ?
ब्राह्मण - हे भंते ! राजा बिहारी मल ने बिना तलवार और ढाल उठाये अकबर के आगे घुटने टेक दिए और अपनी बेटी का उससे विवाह भी कर दिया ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! रणथम्भोर , मारवाड़ , बीकानेर , जोधपुर और जैसलमेर के राजाओं ने अकबर के सामने क्या किया ?
ब्राह्मण - हे भंते ! आत्म समर्पण करके अपनी अविवाहित लड़कियां अकबर के हरम के लिए सुपुर्द कर दीं ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! जब गुरु गोविन्द सिंह और शिवाजी क्रमशः पंजाब और महाराष्ट्र में मुगलों से लोहा ले रहे थे , तब ब्राह्मण धर्म की सेना क्या कर रही थी ?
ब्राह्मण - हे श्रमण ! राजपूत , मराठे और दूसरे भारतीय राजा ही गुरु गोविन्द सिंह और शिवाजी के खून के प्यासे बने हुए थे ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! महाराणा प्रताप की सारी जिंदगी किन राजाओं के साथ लड़ती हुई गुजर गई ?
ब्राह्मण - हे भंते ! अकबर के गुलाम भारतीय राजाओं के साथ ।
श्रमण - हे ब्राह्मण ! राणा साँगा ने भारत पर आक्रमण करने के लिए किसको आमन्त्रित किया ?
ब्राह्मण - हे भंते ! बावर को आमंत्रित किया था ।
श्रमण - हे बुद्धिमान ब्राह्मण ! हम भारतीय इतने नपुंसक कैसे बन गए ?
ब्राह्मण - हे भंते ! ब्राह्मणी धर्म के कर्मफल , किस्मत और ब्रह्मसत्य जैसे सिद्धांतों ने भारतीय लोगों को नपुंसक बना दिया ।
श्रमण - हे बुद्धिमान ब्राह्मण ! अब बताइये अपना देश बौद्ध धम्म के कारण गुलाम हुआ या ब्राह्मणी धर्म के कारण ।
ब्राह्मण - हे श्रमण ! ब्राह्मणी धर्म के कारण ।।
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