👉🏻 *इंडिया का सबसे बड़ा गद्दार व आतंकवादी संगठन RSS की पोल खोलों ....*✍🏻
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
👉🏻 RSS का असली नाम रेसियल सुपिरियरिटी सिस्टम अर्थात उच्च जातिय व्यवस्था है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नहीं |
👉🏻 RSS ने अपने कार्यालय पर तिरंगा झंडा लहराना *52 वर्षो* के बाद शुरु किया है|
👉🏻 RSS का आज़ादी के आंदोलन से कोई सरोकार नहीं है ।
👉🏻 जब 15 अगस्त को देश आजाद हुआ तब RSS ने स्वाधीनता दिवस मनाने से इंकार किया था और 1947 से लेकर 2002 तक नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा कभी नहीं फहराया।
👉🏻 वर्ष 2002 के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद तिरंगा फहराया गया ।
👉🏻 सरदार पटेल ने RSS पर जब प्रतिबन्ध (बैन) लगाया था तब उसने (RSS) ने बैन हटाने के लिए जो हलफनामा दिया था उसमे निम्नलिखित मुख्य बातें थी ~
1) कि वो भारत के संविधान को मानेगा, जिसको वो नहीं मानता था और आज भी नहीं मानता है | इसीलिए स्वयं सेवक गैर संवैधानिक बयान देते है ।
2) संविधान में निहित राष्ट्रीय प्रतीकों का विरोध नहीं करेगा, जिसके वो हमेशा खिलाफ रहा और आज भी है |
3) RSS कभी भी राजनीति में नहीं आएगा, परंतु आज वो सरकार में है ।
👉🏻 कुल मिलाकर RSS देशद्रोही संस्था है जो तब भी थी और आज भी देश का सामाजिक ताना बाना बिखेरना चाहती है।
👉🏻 जब भी कोई RSS वाला देशभक्ति की बात करे, उसे कहिए
*"केस नंबर 176, नागपुर, 2001"*
वह शर्म से सिर झुका लेगा | हां, यह तभी होगा अगर उनमें लाज बची हो |
👉🏻 सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट और संविधान विशेषज्ञ नितिन मेश्राम की हजारों किताबों की शानदार लाइब्रेरी में इस केस का जजमेंट रखा है |
👉🏻 26 जनवरी 2001 को तीन युवक नागपुर में RSS के हेडक्वार्टर पहुंचे | उनके पास भारत का राष्ट्रीय ध्वज था | वे उस बिल्डिंग पर पहली बार राष्ट्रीय झंडा फहराना चाहते थे | वहां मौजूद RSS के बड़े नेताओं ने ऐसा नहीं करने दिया और पुलिस केस कर दिया | उनकी सरकार थी, पुलिस ने झंडा जब्त कर लिया | आखिरकार कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया | सबसे बड़ी बात.... आदेश में दर्ज है कि झंडे को पूरी मर्यादा के साथ हिफाजत में रखा जाए |
👉🏻 इस घटना की शर्म की वजह से अब RSS ने कहीं कहीं राष्ट्रीय झंडा फहराना शुरू कर दिया है |
👉🏻 RSS एक विश्व का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है । हम OBC, SC, ST, MINORITY तथा अदर गैर मनुवादी भारतीय को आर्थिक + सामाजिक +मानसिक और यहाँ तक की शारीरिक तौर से हिन्दू नाम की चादर ओढ़ाकर गुलाम बना रखा है।
☸ RSS का मकसद तथागत बुद्ध, सम्राट अशोक, ज्योतिबा फूले, पेरियार रामास्वामी नायकर, ललई सिंह यादव, कबीर, नानक, रविदास, शिवाजी सावित्री बाई फुले, शाहू महाराज, बाबू जगदेव तथा अन्य भारतीय मूल के महापुरुषों के संघर्षो को नेस्तनाबूत करना है ।
👉🏻 RSS संगठन भारत के संविधान को बदल कर अपना मनुवादी संविधान हम भारतीयों पर लागू करके सिर्फ और सिर्फ अपना मनुवादी राज्य निर्मित करना चाहता है |
☸ आओ मूल भारतीयों हम सब साथ मिलकर इस भारत के सबसे बड़े आतंकवादी संगठन *"RSS"* को पूरी तरह जड़ से उखाड़ फेके और इस महान भारतवर्ष की रक्षा करें ।
🙏🏻🙏🏻☸ *जय 💚 भारत* ☸🙏🏻🙏🏻
ज्यादा से ज्यादा शेयर करें
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
👉🏻 RSS का असली नाम रेसियल सुपिरियरिटी सिस्टम अर्थात उच्च जातिय व्यवस्था है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नहीं |
👉🏻 RSS ने अपने कार्यालय पर तिरंगा झंडा लहराना *52 वर्षो* के बाद शुरु किया है|
👉🏻 RSS का आज़ादी के आंदोलन से कोई सरोकार नहीं है ।
👉🏻 जब 15 अगस्त को देश आजाद हुआ तब RSS ने स्वाधीनता दिवस मनाने से इंकार किया था और 1947 से लेकर 2002 तक नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा कभी नहीं फहराया।
👉🏻 वर्ष 2002 के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद तिरंगा फहराया गया ।
👉🏻 सरदार पटेल ने RSS पर जब प्रतिबन्ध (बैन) लगाया था तब उसने (RSS) ने बैन हटाने के लिए जो हलफनामा दिया था उसमे निम्नलिखित मुख्य बातें थी ~
1) कि वो भारत के संविधान को मानेगा, जिसको वो नहीं मानता था और आज भी नहीं मानता है | इसीलिए स्वयं सेवक गैर संवैधानिक बयान देते है ।
2) संविधान में निहित राष्ट्रीय प्रतीकों का विरोध नहीं करेगा, जिसके वो हमेशा खिलाफ रहा और आज भी है |
3) RSS कभी भी राजनीति में नहीं आएगा, परंतु आज वो सरकार में है ।
👉🏻 कुल मिलाकर RSS देशद्रोही संस्था है जो तब भी थी और आज भी देश का सामाजिक ताना बाना बिखेरना चाहती है।
👉🏻 जब भी कोई RSS वाला देशभक्ति की बात करे, उसे कहिए
*"केस नंबर 176, नागपुर, 2001"*
वह शर्म से सिर झुका लेगा | हां, यह तभी होगा अगर उनमें लाज बची हो |
👉🏻 सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट और संविधान विशेषज्ञ नितिन मेश्राम की हजारों किताबों की शानदार लाइब्रेरी में इस केस का जजमेंट रखा है |
👉🏻 26 जनवरी 2001 को तीन युवक नागपुर में RSS के हेडक्वार्टर पहुंचे | उनके पास भारत का राष्ट्रीय ध्वज था | वे उस बिल्डिंग पर पहली बार राष्ट्रीय झंडा फहराना चाहते थे | वहां मौजूद RSS के बड़े नेताओं ने ऐसा नहीं करने दिया और पुलिस केस कर दिया | उनकी सरकार थी, पुलिस ने झंडा जब्त कर लिया | आखिरकार कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया | सबसे बड़ी बात.... आदेश में दर्ज है कि झंडे को पूरी मर्यादा के साथ हिफाजत में रखा जाए |
👉🏻 इस घटना की शर्म की वजह से अब RSS ने कहीं कहीं राष्ट्रीय झंडा फहराना शुरू कर दिया है |
👉🏻 RSS एक विश्व का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है । हम OBC, SC, ST, MINORITY तथा अदर गैर मनुवादी भारतीय को आर्थिक + सामाजिक +मानसिक और यहाँ तक की शारीरिक तौर से हिन्दू नाम की चादर ओढ़ाकर गुलाम बना रखा है।
☸ RSS का मकसद तथागत बुद्ध, सम्राट अशोक, ज्योतिबा फूले, पेरियार रामास्वामी नायकर, ललई सिंह यादव, कबीर, नानक, रविदास, शिवाजी सावित्री बाई फुले, शाहू महाराज, बाबू जगदेव तथा अन्य भारतीय मूल के महापुरुषों के संघर्षो को नेस्तनाबूत करना है ।
👉🏻 RSS संगठन भारत के संविधान को बदल कर अपना मनुवादी संविधान हम भारतीयों पर लागू करके सिर्फ और सिर्फ अपना मनुवादी राज्य निर्मित करना चाहता है |
☸ आओ मूल भारतीयों हम सब साथ मिलकर इस भारत के सबसे बड़े आतंकवादी संगठन *"RSS"* को पूरी तरह जड़ से उखाड़ फेके और इस महान भारतवर्ष की रक्षा करें ।
🙏🏻🙏🏻☸ *जय 💚 भारत* ☸🙏🏻🙏🏻
ज्यादा से ज्यादा शेयर करें
No comments:
Post a Comment